चेन्नई। तमिलनाडु की सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री इडाप्पडी पलानीस्वामी के लिए आज का दिन किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है क्योंकि उन्हें 11 बजे असेंबली में अपना बहुमत साबित करना है। वहीं तमिलनाडु के पूर्व सीएम पन्नीरसेल्वम ने विश्वास प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करने की अपील की है। जिसके चलते शुक्रवार शाम को स्टालिन ने एक मीटिंग भी बुलाई और बैठक के बाद स्टालिन ने कहा कि डीएमके कल पलानीस्वामी सरकार के खिलाफ वोट करेगी।
हालांकि सदम में विश्वास मत दिखाने से पहले ही पलानीस्वामी को एक झटका लग चुका है जब विधायक और राज्य के पूर्व डीजीपी आर नटराज ने कहा कि वे मुख्यमंत्री के खिलाफ मतदान करेंगे ऐसे में सत्ता धारी पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती है। नटराज के इस कदम से 234 सदस्यों वाली विधानसभा में पलानीस्वामी के कथित समर्थक विधायकों की संख्या कम होकर 123 हो गई है।
29 साल बाद होगा सदन में फ्लोर टेस्ट:-
राज्य में किसी भी पार्टी को विश्वास मत देना का ये मौका 29 साल बाद आया है। इससे पहले ऐसा एमजी रामचंद्रन के निधन के बाद एआईएडीमके पार्टी में फूट पड़ी थी और उस समय जयललिता फ्लोर टेस्ट साबित करने में हार गई थी हालांकि बाद में उन्हें जनता ने जिताकर गद्दी पर काबिज किया था।
आखिरी दांव में हो सकता है तख्ता पलट:-
तमिलनाडु विधानसभा में कुल 234 सीटें है ऐसे में एआईएडीएमके के खेमे में 135 और डीएमके के पास 89 हैं। हालांकि जयललिता के निधन के बाद उनकी सीट खाली है। कांग्रेस के पास 8 और मुस्लिम लीग के पास एक सीट है हालांकि पलानीस्वामी लगातार 123 विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे है वहीं पन्नीरसेल्वम ने दावा किया है कि उन्हें करीबन दर्जन भर विधायकों का समर्थन मिला हुआ है ऐसे में आखिरी समय में सत्ता का तख्ता पलट सकता है।