इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने एक बार फिर चीन के प्रति अपनी वफादारी जाहिर कर दी है। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे को लेकर भारत को अमेरिका का साथ पहले चीन को रास नहीं आया, वहीं अब उसके नक्शे कदम पर चलते हुए पाकिस्तान ने भी अमेरिका का विरोध किया है। यहां तक की पाक ने तो ये भी कह दिया की ये गलियारा इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों की भलाई के लिए है। इसके अलावा पाकिस्तान ने एक बार फिर कश्मीर का राग अलापते हुए कहा कि भारत ने कश्मीर में अत्याचार की सभी हदे पार कर दी है। बता दें कि अमेरिका ने सीपीईसी को लेकर कहा था कि ये गलियारा एक विवादित क्षेत्र से होकर गुजर रहा है।
पाकिस्तानी अखबार डॉन ने विदेश मंत्रालय की खबर का हवाला देते हुए लिखा की सीपीईसी इस क्षेत्र में रह रहे लोगों की भलाई और विकास के लिए है। अखबार ने लिखा की ये एक डेवलप्मेंट प्रोजेक्ट है। इसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत के कब्जे वाले कश्मीर में होने वाल मानावधिकार के हनन और अत्याचार की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए बनाया गया है। बता दें कि पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय का ये बयान अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने सेनेट आर्म्ड सर्विस कमिटी को बताया था कि वन बेल्ट वन रोड एक विवादित क्षेत्र से होकर गुजरता है और किसी भी देश को इस पहल में तानाशाह की भूमिका नहीं निभानी चाहिए।
जेम्स के इस बयान को चीन के विदेश मंत्रालय ने खारीज करते हुए कहा था कि हम अमेरिका को बार-बार कह चुका हैं कि CPEC एक आर्थिक सहयोग की पहल है और ये किसी भी देश के खिलाफ नहीं है। चीन ने कहा कि इसका क्षेत्रीय संप्रभुता से जुड़े विवादों से कोई लेना-देना नहीं है और इससे कश्मीर मसले पर चीन के रुख में भी कोई बदलाव नहीं आएगा।
गौरतलब है कि चीन ने पहली बार साल 2013 में OBOR पेश किया था। इस प्रॉजेक्ट को चीन ने 2016 में शुरू किया था। भारत ने तब इसका विरोध किया था क्योंकि ये प्रॉजेक्ट पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरता है। यह प्रोजेक्ट चीन के पश्चिमी शिनजियांग प्रांत को कश्मीर और पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट से जोड़ेगा। OBOR की बदौलत चीन करीब 60 देशों तक सीधी पहुंच बनाना चाहता है। परियोजना के तहत पुल, सुरंग और आधारभूत ढांचे पर तेजी से काम किया जा रहा है।