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पाकिस्तान की सरकार ने तुर्की के शिक्षकों को दिखाया बाहर का रास्ता

Pakistans government has not extended the visa of Turkey teachers पाकिस्तान की सरकार ने तुर्की के शिक्षकों को दिखाया बाहर का रास्ता

इस्लामाबाद।पाकिस्तान सरकार द्वारा ‘पाकतुर्क इंटरनेशनल स्कूलों और कॉलेजों’ में पढ़ाने वाले तुर्की के शिक्षकों के वीजा को बढ़ाने से इनकार और वापस तुर्की भेजने के इरादे की घोषणा के बाद 100 से अधिक शिक्षकों का भविष्य अधर में लटक गया है।तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तईप एर्दोगन की बुधवार से शुरू हुई पाकिस्तान की दो दिवसीय यात्रा को देखते हुए यह निर्णय महत्वपूर्ण है। तुर्की की सरकार इन स्कूलों को अमेरिका में निर्वासित जीवन बिता रहे तुर्की के धर्मगुरु फेतुल्लाह गुलेन से प्रेरित हिजमत आंदोलन से समर्थित मानते हुए लगातार इन्हें बंद करने की मांग कर रही थी।

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तुर्की द्वारा अमेरिका में रह रहे गुलेन को जुलाई में हुए विफल सैन्य तख्तापलट के लिए दोषी ठहराया गया है। गुलेन ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है।नवंबर 14, 2016 को जारी गृह मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, इन शिक्षकों को 20 नवंबर से पहले तीन दिनों के भीतर देश छोड़ने के लिए कहा गया है।इस्लामाबाद, लाहौर, क्वेटा, कराची, हैदराबाद, खैरपुर और जमशोरो में 28 स्कूलों और कॉलेजों का नेटवर्क है, जहां 1,200 पाकिस्तानी और तुर्की के 134 शिक्षक हैं। यह सभी पहले स्तर से लेकर प्री-स्कूल स्तर के करीब 10,000 छात्रों को पढ़ा रहे हैं।

अधिसूचना के अनुसार, मंत्रालय ने पहले ही एक एक्जिट परमिट जारी कर दिया है। विदेशियों के लिए सरकार ने रहने का तय समय से अधिक अवधि तक रहने पर लगने वाला शुल्क माफ कर दिया है।”एक अधिकारी के मुताबिक, इस कदम से स्कूल प्रबंधन में भय फैल गया है क्योंकि तुर्की की सरकार ने इन स्कूलों को बंद कर स्कूल प्रशासन को वापस तुर्की भेजने का आग्रह किया था।

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