श्रीनगर। घाटी में युवक और युवतियों का भारतीय सेना पर पत्थरबाजी का सिलसिला अब आम हो चुका है। कश्मीर के लोगों में केंद्र सरकार के लिए गुस्सा है या भारतीय सेना को लेकर इस बात का साफ पता नहीं चल पाया है लेकिन घाटी के हालातों के बारे में एक ऐसा खुलासा है जिसने भारत सरकार को एक बार फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है।
50 से ज्यादा पाकिस्तानी चैनल का प्रसारण
दरअसल घाटी के युवाओं में सेना और सरकार के प्रति इस गुस्से को सिर्फ आतंकी ही नहीं बल्कि सऊदी अरब और पाकिस्तान के टीवी चैनल्स भड़का रहे है। एक अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक कश्मीर में प्राइवेट केवल नेटर्वक पर 50 से ज्यादा पाकिस्तान और सऊदी अरब के चैनल्स का प्रसारण किया जा रहा है, जो कश्मीर के युवाओं को भड़काने का काम कर रही है।
बैन होने के बावजूद प्रसारण
अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक घाटी में जिन 50 पाकिस्तानी और सऊदी अरब के चैनल्स का प्रसारण हो रहा है उनमें से कई पर बैन लगाया जा चुका है, इन चैनलों में जाकिर नाइक का चैनल पीस टीवी भी शामिल है। रिपोर्ट के अनुसार अकेले श्रीनगर में ही 50,000 से ज्यादा केवल कनेक्शन हैं और इसकी वजह है कि इस पर पाकिस्तानी और सऊदी चैनल्स देखे जा सकते हैं।
इन चैनलों का हो रहा है प्रसारण
रिपोर्ट के अनुसार घाटी में प्राइवेट केवल नेटवर्क के जरिए सऊदी सुन्नाह, सऊदी कुरान, अल अरेबिया, पैगाम, हिदायत, नूर, मदानी, सहर, कर्बला, अहलीबात, फलक, जियो न्यूज, डॉन न्यूज जैसे पाकिस्तानी और सऊदी चैनल के चैनल का प्रसारण खुलेआम किया जा रहा है। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय की वेबसाइट पर इन चैनलों के नाम अनुमति वाली लिस्ट में नहीं हैं। इसके बाबजूद इन चैनल्स का प्रसारण हो रहा है जो युवाओं को पत्थरबाजी जैसे गलत काम करने के लिए प्रभावित कर रहा है।