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पाकिस्तान आर्थिक संकट से निपटने के लिए CPEC के जरिए चीन को ब्लैकमेल करेगा

zingping पाकिस्तान आर्थिक संकट से निपटने के लिए CPEC के जरिए चीन को ब्लैकमेल करेगा

पाकिस्तान इन दिनों आर्थिक संकट में बुरी तरह फंसा है। ऐसे में पाकिस्तान IMF (international monetary fund) से मदद भी नहीं लेना चाहता है।और बिना किसी देश या अंतर्राष्ट्रीय संगठन की मदद के पाकिस्तान को आर्थिक संकट से लड़ पाना मुश्किल है।

 

zingping पाकिस्तान आर्थिक संकट से निपटने के लिए CPEC के जरिए चीन को ब्लैकमेल करेगा

पाकिस्तान को आर्थिक सहायता देने से मना करता है, तो पाक CPEC में खलल पड़ जाएगी

इसलिए चीन के साथ पाकिस्तान ने अपनी दोस्ती को भुनाने पर बिचार किया है। इसमें वह चीन को मजबूर करेगा कि वह उसे आर्थिक सहायता दे।यह चीन के लिए मजबूरी की स्थिति जैसा है।आपको बता दें कि चीन अगर पाकिस्तान को आर्थिक सहायता देने से मना करता है, तो पाक CPEC (चाइना-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर) पर अडंगा डाल सकता है। जोकि चीन की महत्वाकांछी योजना है। जिसमें वह खलल पड़ने से बचेगा।

 

पाकिस्तान विदेशी मुद्रा की कमी से निपटने के लिए और कर्ज दे

गौरतलब है कि फाइनैंशियल टाइम्स की रिपोर्ट में पाकिस्तान ने कहा है कि चीन उसे विदेशी मुद्रा की कमी से निपटने के लिए और कर्ज दे अन्यथा वह 60 अरब डॉलर की चीन CPEC (चाइना-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर) परियोजना में खलल आएगी।

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पाकिस्तान ने जून 2018 के अंत में ही चीन से 4 अरब डॉलर का नया कर्ज लिया था

फाइनैंशियल टाइम्स ने पाकिस्तान के सरकारी अधिकारियों से बातचीतस कर कहा है कि पाकिस्तान ने जून 2018 के अंत में ही चीन से 4 अरब डॉलर का नया कर्ज लिया था।और वह चाह रहा है कि चीन कर्ज देना जारी रखे। ताकि  IMF से मदद ना लेनी पड़े।

अधिकारियों ने अपने चीनी समकक्षों को चेतावनी दी है।चेतावनी में कहा है कि अगर वह कर्ज देना बंद कर देता है तो इससे चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) का भविष्य खतरे में पड़ सकता है।

जिनपिंग की महत्वाकांक्षी योजना बेल्ट ऐंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का मुख्य हिस्सा है

बता दें कि सीपीईसी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की महत्वाकांक्षी योजना बेल्ट ऐंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का मुख्य हिस्सा है।पाकिस्तान के एक अधिकारी ने कहा है कि चीन से हमारी विस्तार से बातचीत हुई है।

हमने अपनी चिंता उनके साथ साझा की है। सबसे बड़ा मुद्दा है कि एक बार अगर हम IMF कार्यक्रम में चले गए तो फिर हमें उन सभी शर्तों और नियमों की गोपनीय जानकारी देनी होगी।जिन पर चीन CPEC में निवेश करने को तैयार हुआ।

वहीं दूसरे अधिकारी ने कहा कि एक बार IMF की नजर CPEC पर पड़ी। तो वे जरूर यह पूछेंगे कि क्या पाकिस्तान इस समय इतनी बड़ी परियोजना का खर्च वहन कर सकता है?

महेश कुमार यदुवंशी

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