इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने अपनी परमाणु ऊर्जा क्षमता को बढ़ाने के लिए चीन से मदद मांगी है। पाकिस्तान अपनी इस क्षमता को 2030 तक 8 हजार 800 मैगावॉट करने की फिराक में है, जिसके लिए उसने चीन की मदद मांगी है। इस योजना के तहत चीन पाकिस्तान में 3 से 4 बड़े परमाणु संयंत्र लगाएगा। पाकिस्तान के परमाणु ऊर्जा आयोग के चेयरमैन मोहम्मद नईम ने खुद इस बात की पुष्टी करते हुए कहा कि पाकिस्तान के पास फिलहाल 5 छोटे संयंत्र हैं जो काम कर रहे हैं और इनकी कुल बिजली उत्पादन क्षमता 1300 मेगावॉट है।
अबु धाबी में हो रहे परमाणु सम्मेलन से इतर नईम ने कहा कि हम इस साल के खत्म होने से पहले कॉन्ट्रैक्ट दे देंगे। हालांकि उन्होंने ये नहीं बताया कि संयंत्र लगाने के लिए कितनी चीनी कंपनियों ने आवेदन किया है और कितनी गैर चीनी कंपनियों ने आवेदन किया है। इन संयंत्रों में से आखिरी पंजाब प्रांत का चश्मा प्लांट है, जिसे चाइना नैशनल न्यूक्लियर कॉर्प ने बनाया है। इस संयंत्र ने इसी साल सितंबर से काम करना शुरू किया है। पाकिस्तान के कराची बंदरगाह पर 2 चाइनीज हुआलॉन्ग वन संयंत्र भी बनाए जा रहे हैं। इन दोनों की बिजली उत्पादन क्षमता 2200 मेगावॉट होगी।