पाकिस्तानः फर्जी बैंक खातों से 220 अरब रुपये का धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) किए जाने की जांच जारी है। जांच कर रहे अधिकारियों ने पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और अन्य की सभी संपत्ति जब्त करने की सिफारिश की है। इसमें इन लोगों की अमेरिका और दुबई की संपत्ति भी शामिल है। जानकारी के अनुसार संयुक्त जांच दल (जेआईटी) ने शनिवार को सर्वोच्च अदालत को एक रिपोर्ट दी है। इस रिपोर्ट में कराची और लाहौर में स्थित मशहूर बिलावल हाउस और इस्लामाबाद के जरदारी हाउस को जब्त करने की सिफारिश की गई है।
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जेआईटी ने जरदारी की अमेरिका के न्यूयॉर्क की और दुबई की संपत्तियों समेत कराची में बिलावल हाउस के सभी पांच प्लॉटों को जब्त करने का भी की अपील की है।जानकारी के अनुसार पूर्व राष्ट्रपति और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ फर्जी खातों से करीब 220 अरब रुपये के धन शोधन से जुड़े मामले को लेकर जांच हो रही है।जांच टीम ने जरदारी और उनकी बहन फरयाल तालपुर और जरदारी समूह की मिल्कियत वाली सभी शहरी और कृषि जमीन को जब्त करने की सिफारिश की है।
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जेआईटी के आरोपों को नकारते हुए जरदारी और तालपुर ने कहा कि जेआईटी की रिपोर्ट अटकलों पर आधारित है। उन्हें राजनीतिक प्रतिशोध का निशाना बनाया जा रहा है। गौरतलब है कि जेआईटी ने सर्वोच्च अदालत से ओमनी ग्रुप की चीनी मिल, कृषि कंपनियां और ऊर्जा कंपनियां समेत सभी संपत्तियों को जब्त करने के लिए आदेश देने का अनुरोध किया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जरदारी और ओमनी समूह पर कर्ज और सरकारी कोष में अनियमितता का आरोप लगाते हुए जांच टीम ने कहा कि दोनों समूहों ने ‘हुंडी’ और ‘हवाला’ के द्वारा पैसा देश से बाहर भेजा है। जेआईटी ने कहा कि उक्त सभी संपत्तियां केस पर निर्णय नहीं हो जाने तक जब्त रहें।