इस्लामाबाद। अमेरिका की धमकियों और अंतर्राष्ट्रीय दबाव को देखते हुए पाकिस्तान को झुकना पड़ा है। पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने एंटी टेरेरिज्म एक्ट पर दस्तखत कर मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को अपने देश में आतंकवादी घोषित कर दिया है। इस अध्यादेश के बाद पाकिस्तान सरकार को उन आतंकी संगठनों और उनसे जुड़े लोगों के ऑफिस और अकाउंट को बंद करना पड़ेगा, जिन्हें संयुक्त राष्ट सुरक्षा परिषद ने इंसानियता के लिए खतरा बताते हुए बैन कर दिया है। पाकिस्तान के इस अध्यादेश में लश्कर-ए- तैयबा और हरकत-उल-मुजाहिद्दीन भी शामिल हैं, जिन्हें संयुक्ता राष्ट्र संघ ने आतंवादी संगठन घोषित किया हुआ है।
बता दें कि यूएन की इस सूची में 27 संगठनों के नाम शामिल है। हालांकि पाकिस्तान ने इन संगठनों पर सिर्फ दिखावे के लिए पहले कार्रवाई की हुई है। इस मामले को लेकर पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब पुलिस को आदेश दिया है कि वो हाफिज सईद के प्रतिबंधित जमात उद दावा के खिलाफ कार्रवाई करे। कोर्ट के आदेश के बाद पंजाब पुलिस ने संगठन के हेडक्वाटर के बाहर खड़े सुरक्षा बलों को हटा लिया है। पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश साकिब निसार ने पंजाब पुलिस को लाहौर में सुरक्षा के नाम पर ब्लॉक की गई सभी सड़कों को खोलने का आदेश दिया है।
राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक प्राधिकरण ने इस नए कदम की पुष्टि की है। एनएसीटीए के मुताबिक अब गृह मंत्री, वित्त मंत्री और विदेश मंत्री के साथ-साथ एनएसीटीए की आतंकवाद वित्तपोषण विरोधी यूनिट इस मामले पर एक साथ मिलकर काम करेगी । हालांकि इस संबंध में राष्ट्रपति भवन ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है। यूएन की प्रतिबंधित सूची में अल-कायदा, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, लश्कर-ए-झांगवी, जमात-उद-दावा, फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन , लश्कर-ए-तैयबा के अलावा कई आतंकी संगठन शामिल है।