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पाकिस्तान का अपने ही सैनिकों को लेकर है भेदभाव का दोहरा चरित्र, हुआ खुलासा

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नई दिल्ली। पाकिस्तान का अपने ही सैनिकों को लेकर भेदभाव का दोहरा चरित्र उजागर हुआ है। ऐसा ही एक वीडियो सामने आया है जिसमें पाकिस्तान का यह दोहरापन दिख रहा है। असल में, पाकिस्तान सीमा पर मारे जाने वाले पंजाबी मुस्लिम जवानों के शव तो ले जाता है। लेकिन पीओके या अन्य हिस्सों के रहने वाले जवानों के शव नहीं लेकर जाता है।

बता दें कि जम्मू-कश्मीर के हाजीपुर सेक्टर में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के दो सैनिकों को मार गिराया था। दरअसल, पाकिस्तान द्वारा युद्धविराम का उल्लंघन किए जाने के बाद भारतीय जवानों ने मुंहतोड़ जवाब देते हुए इन पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया था। मारे गए अपने सैनिकों के शव लेने के लिए पाकिस्तानी सैनिक सफेद झंड़ा लहराते हुए आए और शव ले गए।

साथ ही वीडियो में दिख रहा है कि ये पाकिस्तानी सेना के जवान हैं। उनके हाथ में सफेद झंडा है। वो एक पहाड़ी से नीचे उतरते हैं और दो शव लेकर जाते दिख रहे हैं। जिन शवों को वो ले जा रहे हैं वो पाकिस्तानी सेना के जवान हैं। ये जवान पंजाबी मुसलमान हैं। जो पीओके के हाजीपुर सेक्टर में 10 और 11 सितंबर को मारे गए थे।

पाकिस्तानी सेना ने इनके शव ले जाने के लिए भारतीय सेना से अपील की थी। सफेद झंडे अपने साथ लाने का मतलब ये होता है कि इस बीच कोई फायरिंग नहीं होगी। पाकिस्तानी सेना पंजाबी मुसलमान सैनिक के शव तो ले जाती है, लेकिन पीओके और दूसरे हिस्से में मारे गए सैनिकों के शव पाकिस्तान नहीं ले जाता। उनके शव ऐसे ही लावारिस छोड़ दिए जाते हैं।

वहीं ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि एक घटना 30 और 31 जुलाई को केरन सेक्टर की है। जब भारतीय सेना ने घुसपैठ कर रहे पाकिस्तान के BAT सैनिकों को ढेर कर दिया था। लेकिन पाकिस्तानी सेना अपने जवानों का शव नहीं ले गई। केरन सेक्टर में सीमा पर पाकिस्तानी आर्मी के BAT (बॉर्डर ऐक्शन टीम) अटैक को नाकाम करते हुए पाकिस्तान के कम से कम 5 से 7 सैनिक मार गिराए थे। पाकिस्तान इन सैनिकों का शव लेकर नहीं गई। उनके शव वहीं पड़े रहे थे। हालांकि सेना ने इन शवों की सैटलाइट तस्वीरें भी ली हैं और पाकिस्तान से कहा कि वो अपने जवानों के शव ले जाए, लेकिन पाकिस्तान जवानों के शव लेने नहीं आया।

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