इस्लामाबाद। पाकिस्तान, भारत के किसी सैन्य सामान का विरोध न करे ऐसा हो सकता है। पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत की सैन्य शक्ति को लेकर अपना विरोध दर्ज करवाया है। दरअसल अमेरिका द्वारा भारत को दिए जा रहे सशस्त्र ड्रोनों की आपूर्ति पर पाकिस्तान ने विरोध दर्ज करवाते हुए कहा है कि इससे सैन्य दुस्साहस की घटनाएं बढ़ेगी और क्षेत्र में तनाव उत्पन्न होगा। बता दें कि हाल ही में अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि अमेरिका भारतीय वायुसेना के आधुनिकीकरण अभिायान के लिए हम उसे सशस्त्र ड्रोन मुहैया करवाएंगे।
सशस्त्र ड्रोनों को लेकर पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने कहा कि सशस्त्र ड्रोन के इस्तेमाल से क्षेत्र में अशांति फैला सकती है, क्योंकि ये समिती सैन्य अभियानों को लेकर गैरजिम्मेदाराना रुख की पृष्ठभूमि में सैन्य दुस्साहस को बढ़ावा दे सकती है। उनहोंने कहा कि पाकिस्तान हमेशा कहता आया है कि क्षेत्रिय स्थिरता को बरकरार रखना किसी भी अंतर्राष्ट्रीय हथियार स्थानांतरण में मौलिक विचारों की एक बिंदु होनी चाहिए। जकारिया ने कहा कि अतिरिक्त क्षेत्रिया ताकतों को ऐसी कार्रवाई से सावधान रहना चाहिए, ताकि दक्षिण एशिया में सामरिक स्थिरता को नजरअंदाज न किया जा सके।
जकारिया ने मांग की कि सशस्त्र ड्रोनों के किसी भी स्थानांतरण का मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था सहित बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्थाओं के दिशा-निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में करीब से परीक्षण होना चाहिए, जिसके तहत ऐसे स्थानांतरण पर कुछ सीमाएं लगाई गई हैं। उन्होंने कहा कि अगर ऐसे स्थानांतरण तय सीमा के तहत होते हैं तो इससे नियंत्रित व्यवस्था की भावना का निश्चित तौर पर उल्लंघन होगा जिसका मकसद अस्थिर करने वाली हथियार व्यवस्था के प्रसार को नियंत्रित करना है और जो क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को खतरा पहुंच सकती हैं।
वहीं हाल में विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन के इस्लामाबाद दौरे के बारे में बात करते हुए जकारिया ने दावा किया कि अमेरिकी पक्ष ने स्वीकार किया कि पाकिस्तान की दो सीमाएं अशांत हैं और दक्षिण एशिया रणनीति इन मुद्दों का समाधान करेगी। भारत-अमेरिका की दोस्ती के बारे में एक सवाल पर प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान उनके बीच किसी द्विपक्षीय संबंधों के खिलाफ नहीं है, लेकिन यह चीन को रोकने या पाकिस्तान को धमकाने के एजेंडा पर नहीं होना चाहिए । उन्होंने कहा, ‘हम क्षेत्र में अमेरिका द्वारा भारत को दी जा रही भूमिका से चिंतित हैं। यह स्थिति को और खराब करेगा और दुनिया के इस हिस्से में शांति और स्थिरता को खतरा होगा।’