राजस्थान में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को चुनाव प्रचार के दौरान की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जम्मू-कश्मीर तो कोई मुद्दा ही नहीं है। क्योंकि ये देश का अभिन्न अंग है। राजनाथ सिंह ने कहा कि मुद्दा तो आतंकवाद का है,और पाकिस्तान इस पर चर्चा कर सकता है।
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गृहमंत्री ने कहा कि मैं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से कहना चाहता हूं कि अगर अफगानिस्तान में हमारी मदद से आतंकवाद और तालिबान के खिलाफ लड़ाई जारी रखी जा सकती है तो पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ भारत की मदद मांग सकता है।गृहमंत्री ने कहा कि अगर पाकिस्तान को लगता है कि आतंकवाद से वह अकेला नहीं लड़ सकता, तो उसे भारत से मदद मागनी चाहिए।गौरतलब है कि राजनाथ सिंह का बयान उस वक्त आया है, जब अभी करतारपुर कॉरिडोर की आधारशिला से जुड़ी बयानबाजी पर विवाद चल रहा है।
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कॉरिडोर को लेकर जहां पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि इमरान खान की गुगली पर भारत ने दो मंत्रियों को करतारपुर भेजा। उनको जवाब देते हुए सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत उनकी गुगली में नहीं फंसा है, बल्कि हमारे दो मंत्री प्रार्थना कर करने के लिए वहां गए थे।बता दें कि पहले पाकिस्तान में करतारपुर कॉरिडोर की जब आधारशिला रखी गई तब वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि दोनों मुल्कों के बीच कश्मीर ही एक मसला है जिसको बातचीत के जरिए हल किया जा सकता है।
इमरान ने ये भी दोहराया था कि भारत इस दिशा में एक कदम चले तो वह दो कदम आगे आने को तैयार है।इस पर भारतीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने एक बार फिर भारत का रुख स्पष्ट करते हुए बता दिया है कि पाकिस्तान से तकरार का कश्मीर मुद्दा नहीं है। बल्कि आतंकवाद है।उन्होंने कहा कि अगर आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान अकेले नहीं लड़ पा रहा है।तो ऐसे में वह भारत से इस के लिए बात कर सकता है।