इस्लामाबाद। एक बार फिर पाकिस्तान की मीडिया ने भारत के साथ संबंध सुधारने की वकालत की है। पाकिस्तानी मीडिया का कहना है कि दोनो देशों को उत्तर और दक्षिण कोरिया से कुछ सीखना चाहिए और एक दूसरे की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाना चाहिए। मीडिया के मुताबिक हालात को सामान्य बनाने और शांति स्थापित करने के लिए प्रयास करने चाहिए क्योंकि दोनों देशों की संप्रभूता के लिए ये बेहद जरूरी है।
पाकिस्तानी अखबार डॉन ने अपने संपादकीय में लिखा है कि भारत-पाकिस्तान का विवाद कोरियाई महाद्वीप से अलग हैं। दोनों देशों ने बहुत अलग और अपरिवर्तनीय इतिहास का निर्माण किया है जबकि दोनों कोरियाई देश एकीकरण की तलाश कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ भारत-पाकिस्तान की स्थायी संस्कृति, अलग-अलग मान्यताओं वाले लोगों का साझा इतिहास, साझा आकांक्षाएं और शांति की तलाश इस क्षेत्र के लिए सबसे नेक मकसद होगा।
अखबार ने लिखा है कि कोरियाई शिखर सम्मेलन की अद्भुत कल्पना 1999 में भारत के तत्कालीन पीएम अटल बिहार वाजपेयी की ऐतिहासिक लाहौर यात्रा द्वारा बनाई गई अभूतपूर्व आशा और अपेक्षाओं की याद कराती है। यह समय भारत और पाकिस्तान के नेतृत्व के लिए दोस्ती और शांति के मार्ग पर फिर से चलने का है। हाल के वर्षों में भारत-पाकिस्तान संबंधों में फिर से खटास पैदा हुई है और दोनो देशों के बीच किसी प्रकार की द्विपक्षीय वार्ता नहीं हो रही है और दोनों पक्ष इसे ठंडे बस्ते में डाल रहे हैं।
गौरतलब है कि उत्तर-दक्षिण कोरिया दोनों देश इस समझौते पर आए हैं कि एक साल के भीतर कोरियाई उपमहाद्वीप से सभी तरह के न्यूक्लीयर हथियार हटा दिए जाएंगे। साथ ही अमेरिका के साथ बातचीत करते हुए इन दोनों देशों ने करीब 65 सालों से चले आ रहे कोरिया युद्ध को आधिकारिक तौर पर खत्म करने का भी फैसला लिया है। उत्तर और दक्षिण कोरिया की स्थिति भारत पाकिस्तान जैसी ही रही है। पहले एक शासन के अधीन कई साल बिताने के बाद कोरिया उपमहाद्वीप में भी एक बंटवारे की लकीर खींची गई थी।