नई दिल्ली। पपाकिस्तान की बौखलाहट इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने धारा 370 हटने के बाद से अपने व्यापारिक सम्पर्क भारत से तोड़ लिया है। उसने कहा कि वह भारत से कोई व्यापारिक रिश्ता नहीं रखेगा और न ही उसे राजनयिक संबंधो की जरूरत है। जानकार कहते हैं कि आर्थिक तंगी से गुजर रहे पाकिस्तान का यह फैसला उसे खुद ही तबाह करने के लिए काफी है। गौरतलब है कि यह फैसला ऐसे समय पर लिया है, जब भारत द्वारा पुलवामा हमले के बाद मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा छीने जाने की वजह से भारत में उसका एक्सपोर्ट बहुत कम हो चुका है।
पाकिस्तान के अंग्रेजी अखबार डॉन की वेबसाइट के अनुसार राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) ने बुधवार को पाकिस्तान के राजनयिक संबंधों को कम करने और भारत के साथ सभी द्विपक्षीय व्यापार को निलंबित करने का ‘संकल्प’ लेते हुए, कश्मीर पर कब्जे के संबंध में हालिया घटनाक्रमों के मद्देनजर कई बड़े फैसले लिए।
2018-19 में जुलाई-जनवरी के बीच दोनों देशों के बीच व्यापार मामूली बढ़ोतरी के साथ 1.122 अरब रहा था। कुल द्विपक्षीय व्यापार में 79.33 फीसदी हिस्सा पाकिस्तान में भारतीय निर्यात का है। दोनों देशों के बीच कारोबार अब भी बेहद कम है। 2015-16 में भारत का कुल व्यापार 641 अरब डॉलर रहा है। वहीं पाकिस्तान के साथ व्यापार मात्र 2.67 अरब डॉलर रहा। पाकिस्तान को भारत का निर्यात मात्र 2.17 अरब डॉलर रहा। भारत के कुल निर्यात में यह मात्र 0.83 फीसदी। वहीं पाकिस्तान से भारत का आयात 50 करोड़ डॉलर से भी कम है। यह भारत के कुल आयात का 0.13 फीसदी है।