रायपुर। धान के कटोरा छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में बड़ा घमासान हो रहा है। एक तरफ सरकारी अमला रिकार्ड धान खरीदी होने का दावा करते नहीं थक रहा वहीं दूसरी ओर विपक्षी दल भाजपा आज सड़क से सदन तक किसानों के मुद्दे पर लड़ाई लड़ने का ऐलान कर प्रदेश के सभी 27 जिला मुख्यालयों में धरना प्रदर्शन कर रही है। कवर्धा जिले में भारतीय किसान संघ बीते 48 घंटे से चक्काजाम कर किसानों का शत प्रतिशत धान खरीदी करने के लिए धान खरीदी तिथि की मियाद बढ़ाने पर अड़े हुए हैं। कवर्धा जिले के बिरकोना गांव में बीते 48 घंटे से किसान धरना पर बैठे हैं। यहां किसानों ने धान खरीदी नहीं होने पर सामूहिक रूप से इच्छा मृत्यु की अनुमति देने की मांग प्रशासन से की है।
बता दें कि किसानों का कहना है कि बारदाना आपूर्ति के अभाव में वे धान नहीं बेच पाए हैं। पखवाड़ेभर से इस क्षेत्र के धान खरीदी केंद्रों में बारदाना का संकट बना हुआ था। प्रदेश के धान उत्पादक जिलों में चिन्हांकित धमतरी, महासमुंद, जांजगीर चांपा में इस साल निर्धारित लक्ष्य से कम खरीदी होने की खबर है। प्रदेशस्तर पर आंकड़ों पर गौर करें तो 82.80 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी के साथ रिकार्ड धान खरीदी होने का दावा अधिकारी कर रहे हैें। किसान संगठनों के प्रदर्शन और भाजपा द्वारा किसानों से जुड़े मसले पर जिलों में धरना प्रदर्शन से धान खरीदी के आंकड़ों पर सवाल उठना शुरू हो गया है।
किसानों की कर्जमाफी और लोकलुभावन घोषणापत्र से कांग्रेस को भारी बहुमत मिला । विपक्षी दल भाजपा के इस आंदोलन को किसानों की सहानुभूति लेने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। बहरहाल, जिला मुख्यालयों में हो रहे धरना प्रदर्शन में भाजपा के दिग्गज नेता अलग-अलग जिलों में मोर्चा संभाले हुए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री रमनसिंह अंबिकापुर, सरोज पांडेय और किसान मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष पूनम चंद्राकर अपने गृह जिला महासमुंद में धरना प्रदर्शन में बैठे हैं।