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देश में नए नाम के साथ आ रहा ‘पब्जी’, प्राइवेसी-सिक्योरिटी पर फोकस

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LAC पर भारत-चीन के बीच तनाव के बाद से भारत सरकार ने पब्जी गेम पर बैन लगा दिया था। हालांकि करीब 10 महीने बाद पब्जी की भारत में नए नाम के साथ वापसी हो रही है। इस बार इसे ‘बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया, नाम दिया गया है।

प्राइवेसी-सिक्योरिटी पर ज्यादा फोकस

एंड्रॉयड यूजर्स के लिए गूगल प्ले स्टोर पर इस गेम के प्री रजिस्ट्रेशन शुरू हो गए हैं। ‘बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया’ में लोगों को पबजी जैसा ही एक्सपीरियंस मिलेगा, लेकिन हिंसा पहले से कम होगी। वहीं प्राइवेसी और सिक्योरिटी पर ज्यादा फोकस दिया गया है।

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गेम में खून-खराबा कम होगा

एक रिपोर्ट के मुताबिक पब्जी के ग्लोबल वर्जन के मुकाबले ‘बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया’ थोड़ा अलग होगा। मैप पर लैंड करने के बाद सभी प्लेयर पूरे कपड़ों में होंगे। गेम में खून-खराबा कम होगा, और खून का रंग भी लाल ना होकर हरा होगा। हालांकि मैप पब्जी जैसा ही होगा।

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प्राइवेसी-पैरंट कंट्रोल पर ज्यादा फोकस

बताया जा रहा है कि यूजर्स को पुरानी पब्जी आईडी और उस खेल में मिली उपलब्धियां यहां नहीं दी जाएंगी। इस गेम को लॉन्च कर रही दक्षिण कोरियाई कंपनी क्राफ्टन का फोकस प्राइवेसी और पैरंट कंट्रोल पर ज्यादा है। सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक यूजर्स का डाटा इंडिया में स्टोर किया जाएगा।

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रोजाना 3 घंटे ही खेलने की इजाजत

इस गेम को 18 साल से कम उम्र के बच्चों को खेलने के लिए अभिभावक का मोबाइल नंबर कंपनी के साथ शेयर करना होगा। बच्चों को रोजाना 3 घंटे ही खेलने की इजाजत होगी। साथ ही 7 हजार रुपए से ज्यादा की रोजाना खरीदारी भी नहीं कर पाएंगे।

आसान नहीं होगा जगह बनाना

देश में पब्जी को बेन हुए करीब 10 महीने से ज्यादा हो गए हैं। इस दौरान लोगों की कॉल ऑफ ड्यूटी, फ्री फायर, फौजी जैसे गेम पसंद बन चुके हैं। ऐसे में ‘बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया’ के लिए पब्जी वाली पॉजीशन को पाना आसान नहीं होगा। विशेषज्ञों के मुताबिक इस गेम के लौटने से देश के ई-गेमिंग सेक्टर में तेजी आ सकती है। और देश का मोबाइल गेमिंग मार्केट अगले 4 साल में 25 हजार करोड़ के आंकड़े को पार कर सकता है।

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