राजकोट। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने जम्मू-कश्मीर को ज्यादा स्वायत्तता देने की वकालत की है। जिसके बाद वो बीजेपी के निशाने पर आ गए हैं। चितंबरम के बयान पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने जहां इसे शर्मनाक और दुखद कहा है वहीं अरुण जेटली ने भी आलोचना की है। चिदंबरम का कहना है कि कश्मीर घाटी में यही मांग है कि संविधान के अनुच्छेद 370 का सम्मान किया जाए। इसका मतलब यही है कि वे ज्यादा स्वायत्तता चाहते हैं।’ यह पूछे जाने पर कि क्या वह अभी भी यही मानते हैं कि जम्मू-कश्मीर को ज्यादा स्वायत्तता दे दी जानी चाहिए? सवाल का जवाब देते हुए चितंबरम ने कहा कि हां ऐसा होना चाहिए।
बता दें कि चिदंबरम ने जुलाई 2016 में भी जम्मू- कश्मीर को ज्यादा स्वायत्तता देने की वकालत की थी। उनका कहना है कि जिस विचार के तहत कश्मीर को बड़े पैमाने पर स्वायत्तता दी गई थी उसे बहाल करना चाहिए। यदि यह नहीं किया गया तो देश को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। बीजेपी ने चिदंबरम के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। पार्टी ने कहा है कि चिदंबरम की इस टिप्पणी पर कोई हैरानी नहीं हुई है। उनके नेता ने जेएनयू में भारत तेरे टुकड़े होंगे का समर्थन किया था। पार्टी का सीधा इशारा कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की ओर था।
वहीं स्मृति ईरानी ने कहा कि ये बड़े शर्म की बात है कि चितंबरम भारत को टूकड़ों में बांटने की बात कर रहे हैं। इतना ही नहीं वो उन लोगों का साथ दें रहे हैं जो हमारे सैनिकों की हत्या कर रहे हैं। साथ उन्होंने कहा कि चितंबरम ने ये बात सरदार पटेल की धरती पर कही जो बड़े ही शर्म की बात है। जिन्होंने भारत को एक संविधान के तहत एकजुट करने के लिए अपना जीवन समर्पित किया था।