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पी चिदंबरम ने अतीत में नरेंद्र मोदी, अमित शाह और मुझे फंसाने की कोशिश की थी: नितिन गडकरी

nitin gadkari पी चिदंबरम ने अतीत में नरेंद्र मोदी, अमित शाह और मुझे फंसाने की कोशिश की थी: नितिन गडकरी

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दो टूक कहा कि भाजपा, पी चिदंबरम या किसी अन्य के खिलाफ बदले की भावना से काम नहीं कर रही है। गडकरी ने उल्टा आरोप लगाया कि यह पी चिदंबरम ही थे जिन्होंने अतीत में यूपीए सरकार के दौरान गुजरात के तबके मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ ही उन्हें भी फर्जी मामलों में फंसाने की कोशिश की थी, लेकिन सभी निर्दोष साबित हुए थे।

बता दें कि केन्द्रीय सड़क परिवहन, राष्ट्रीय राजमार्ग एवं लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, ‘हम बदला लेने वाले लोग नहीं हैं। लेकिन दूसरी तरफ पी चिदंबरम वित्त मंत्री पद पर रहते हुए झूठे मामले दर्ज करवा रहे थे। चिदंबरम जब कांग्रेस सरकार में वित्त मंत्री थे तब उन्होंने मोदी, शाह और मेरे खिलाफ झूठे मामले दर्ज करवाए थे।’ गडकरी ने कहा, ‘चिदंबरम ने हम सभी को फर्जी मामलों में फंसाने की कोशिश की लेकिन बाद में हम सभी अदालतों में निर्दोष साबित हुए। चिदंबरम ने गृह मंत्री रहते भी क्या किया, पूरा देश जानता है।’

नितिन गडकरी ने कहा, ‘पी चिदंबरम के खिलाफ धन शोधन के मामलों में पर्याप्त सबूत हैं और उनसे पूछताछ भी हुई है। मामला विचाराधीन है और अब अदालत ही फैसला करेगी। हम प्रवर्तन निदेशालय का दुरुपयोग नहीं कर रहे हैं। चिदंबरम को जमानत मिलने से यह नहीं साबित होता कि वह निर्दोष हैं। उनके खिलाफ जो मामले हैं उनमें कानून की प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई हुई है।’ गडकरी ने कहा कि जहां तक चिदंबरम के मामले में कांग्रेस के आरोप हैं कि उन्हें आईएनएक्स मीडिया मामले में फंसाया गया है तो यह बात अदालत में साबित होगी कि क्या सच है और क्या झूठ है।

इससे पूर्व उच्चतम न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज आईएनएक्स मीडिया हवाला मामले में 106 दिनों बाद पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को बुधवार को जमानत दे दी। आरोप है कि वित्त मंत्री रहते हुए चिदंबरम ने आईएनएक्स मीडिया को गलत तरीके से विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) मामले में मदद की थी। सीबीआई ने मई 2017 में इस संबंध में भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था और चिदंबरम को पहली बार 21 अगस्त को इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा गिरफ्तार किया गया था लेकिन दो महीने बाद सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत दे दी थी। जबकि 16 अक्तूबर को उन्हें हवाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था।

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