Breaking News featured यूपी हेल्थ

राजधानी मे ऑक्सीजन की किल्लत बरक़रार

ऑक्सीजन एक्सप्रेस ले आई राहत भरी ऑक्सीजन, चार टैंकर पहुंचे लखनऊ

लखनऊ। राजधानी में दो टैंकर ऑॅक्सीजन आने के बाद कुछ बड़े अस्पतालों को ऑॅक्सीजन की आपूर्ति तो हुई मगर छोटे अस्पतालों को कुछ हाथ नहीं लगा। आश्वासन था कि ऑॅक्सीजन की दूसरी खेप आने पर उनको भी पर्याप्त मात्रा में ऑॅक्सीजन मिल जायेगी। दूसरी खेप के इंतजार में बैैठे निजी चिकित्सालय मरीजों की भर्ती को तैयार नहीं। जिन अस्पतालों को ऑक्सीजन मिली भी थी उनके पास भी अब केवल आठ से दस घंटे का बैकअप रह गया है।

यहाँ अभी भी नहीं मिली राहत

कुर्सी रोड स्थित इंटीग्रल मेडिकल कॉलेज में कोरोना मरीजों को राहत नहीं मिली है। ऑक्सीजन की आपूर्ति न होने से वहां पांच से 10 घंटे की ही ऑक्सीजन शेष बची है। मौजूदा समय में अस्पताल में 100 से अधिक मरीज भर्ती हैं। जिनके लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था करना बेहद जरूरी है। अस्पताल ने फिलहाल नये मरीजों की भर्ती रोक लगायी हुई है। कॉलेज के मेडिकल निदेशक डॉ. एमएन सिद्दीकी का कहना है कि पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन न होने से नये मरीज लेना मुश्किल हे। जो मरीज पहले से भर्ती हैं, उनके लिए जैसे तैसे ऑॅक्सीजन की व्यवस्था की जा रही है।

गोमतीनगर स्थित मेयो हॉस्पिटल में भी ऑॅक्सीजन की किल्लत बनी हुई है। गत 21 अप्रैल को ऑॅक्सीजन की कमी होने पर केजीएमयू ने मेयो को 10 जम्बो सिलेंडर उपलब्ध कराये गए थे। मगर इतनी ऑक्सीजन उनकी मांग को पूरा करने के लिए काफी नहीं। ऑक्सीजन एक्सप्रेस आने के बाद कुछ ऑक्सीजन तो मिली लेकिन वह भी पर्याप्त नहीं है। अस्पताल की प्रमुख डॉ. मधुलिका सिंह का कहना है कि अस्पताल मेंकई मरीज गम्भीर हैं, उन्हें ऑॅक्सीजन सपोर्ट की जरूरत है। जरूरत के मुताबिक ऑक्सीजन नहीं मिल रही है। नये मरीजों की भर्ती मुश्किल है।

रायबरेली रोड स्थित राजधानी अस्पताल में भी कोरोना मरीजों की भर्ती प्रभावित है। ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पा रही है। पहले से भर्ती मरीजों के लिए ऑक्सीजन बमुश्किल जुटायी जा पा रही है। बलरामपुर अस्पताल में भी हाल बेहाल है। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिमांशु चतुर्वेदी के मुताबिक ऑक्सीजन की बहुत किल्लत है। दोबारा आपूर्ति न होने से छह से सात घंटे का बैकअप ही बचा है। यदि जल्द ऑक्सीजन सिलेण्डर न मिले तो मरीजों के इलाज में दिक्कत आ जाएगी

Related posts

लापता विमान का कोई संकेत नहीं, ढूंढने में लग सकता है लंबा समय

bharatkhabar

जाने क्या है कानपुर में 8 पुलिस वालों को मौत की नींद सुलाने वाले विकास दुबे का इतिहास

Rani Naqvi

यूपी में लगातार बढ़ रहा वन क्षेत्र का दायरा, जानिए क्या कहती है नई रिपोर्ट

Aditya Mishra