भारत इस समय पड़ोसी मुल्कों से बुरी तरह से घिरा हुआ है। और इसका सबसे बड़ा कारण चीन बताया जा रहा है। क्योंकि चीन भारत के हिस्सों को अएपना बनाने के लिए भारत के पड़ोसी मुल्कों के विरोध में खड़ा कर रहा है। और इसमें वो कुछ हद तक कामयाब होता हुआ भी दिख रहा है। क्योंकि नेपाल और बांगल्देश के तेवर बदलने लगे हैं।इस बीच मुस्लिम देशों ने भी भारत का घेराव करना शुरू कर दिया है। मुस्लिम देशों के सबसे बड़े संगठन ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉपरेशन ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर को लेकर चिंता जाहिर की है।
इस संगठन के जम्मू-कश्मीर कॉन्टैक्ट ग्रुप की एक मीटिंग में मंगलवार को मुस्लिम देशों के विदेश मंत्रियों ने हिस्सा लिया। ओआईसी ने भारत के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कहा है कि 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर के लिए भारत सरकार ने जो फैसला लिया है वह जिनेवा कंवेंशन का उल्लंघन है। हालांकि इस दौरान अब भी सऊदी अरब चुप्पी साधे हुए है।
आपको बता दें, इस्लामिक देशों ने अभी तक कश्मीर के मसले पर चुप्पी बनाए रखी थी। सऊदी अरब ने इस मामले पर कोई बयान जारी नहीं किया था। संयुक्त अरब अमीरात ने कश्मीर को भारत का आंतरिक मामला बताया था।
लेकिन अब भारत को चीन के साथ सीमा विवाद में उलझा देखकर इस्लामी देशों ने कायराना हरकत शुरु कर दी और विदेशी मंच पर भारत के लिए मुश्किलें खड़ी करने की कोशिश की है।
कश्मीर को लेकर पाकिस्तान, तुर्की, मलेशिया और ईरान हमेशा शोर मचाते रहे। लेकिन OIC ने उनकी नहीं सुनी। लेकिन जैसे ही चीन से भारत का विवाद शुरु हुआ। सभी इस्लामी देशों ने एक सुर में चीखने की शुरुआत कर दी। क्योंकि उन्हें लगता कि ऐसा करके वो भारत को मजबूर कर लेंगे।1994 में जम्मू कश्मीर पर बनाए गए ओआईसी के इस कॉन्टैक्ट ग्रुप में सऊदी अरब भी शामिल है। उसके इशारे के बिना ओआईसी में पत्ता भी नहीं हिलता।
सऊदी अरब नहीं चाहता तो इस्लामिक देशों के संगठन में शायद भारत विरोधी प्रस्ताव पास नहीं हो पाता। सऊदी अरब ने सोमवार की बैठक में भी सावधानी बरतते हुए भारत के खिलाफ किसी तरह का बयान नहीं दिया। लेकिन पीठ पीछे से भारत का नुकसान करने में कोई कसर भी नहीं छोड़ी। इन मुस्लिम देशों को शायद भ्रम हो गया है कि भारत चीन और नेपाल के साथ उलझकर कमजोर हो गया है। इसलिए उसपर दबाव बनाया जा सकता है।
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लेकिन उन्हें इसका अंदाजा नहीं है कि, वो कितनी बड़ी भूल कर रहे हैं। क्योंकि भारत कई बार कह चुका है कि, जम्मू-कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है। और इस पर कोई भी भारत पर दबाब नहीं बना सकता है।अचानक से OIC के तेवरों को देखकर लग रहा है कि, वो भीरत पर दबाब बनाने की कोशिश कर रहे हैं।