नई दिल्ली। पोक्सो एक्ट को लेकर पीएम मोदी ने अपने अवास पर कैबीनेट की बैठक बुलाई थी। जो करीब 2:30 घंटे तक चली। पॉक्सो एक्ट को लेकर चर्चा पूरी हो चुकी है। सरकार इस पर अध्यादेश ला सकती है। हांलांकि अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। फैसले के बाद तय हो पाएगा कि बच्चों के साथ रेप करने वाले बलात्कारियों को फांसी की सजा मिलेग या नहीं।
बता दें कि पॉक्सो, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने संबंधी अधिनियम (Protection of Children from Sexual Offences Act – POCSO) का संक्षिप्त नाम है। पॉक्सो एक्ट-2012 के अंतर्गत बच्चों के प्रति यौन उत्पीड़न और यौन शोषण और पोर्नोग्राफी जैसे जघन्य अपराधों को रोकने के लिए, महिला और बाल विकास मंत्रालय ने पॉक्सो एक्ट-2012 बनाया था।
वर्ष 2012 में बनाए गए इस कानून के तहत अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा तय की गई है।
वहीं पॉक्सो अधिनियम की धारा 7 और 8 के तहत वो मामले पंजीकृत किए जाते हैं जिनमें बच्चों के गुप्तांग से छेडछाड़ की जाती है, इस धारा के आरोपियों पर दोष सिद्ध हो जाने पर 5 से 7 साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है। इस एक्ट को बनाना इसलिए भी जरूरी था क्योंकि बच्चे बहुत ही मासूम होते हैं और आसानी से लोगों के बहकाबे में आ जाते हैं। कई बार तो बच्चे डर के कारण उनके साथ हुए शोषण को माता पिता को बताते भी नहीं है।