संसद में ट्रिपल तलाक पारित कराने में असफल रही मोदी सरकार ने पुनः अध्यादेश को प्रयोग किया। शनिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्रिपल तलाक अध्यादेश को एक बार फिर मंजूरी दी है। बता दें कि ट्रिपल तलाक पर इसके पहले भी अध्यादेश जारी किया गया था। जोकि 22 जनवरी को समाप्त होने वाला है। इसके समाप्त होने से पहले इसको दोबारा से मंजूरी दे दी गई है।
इसे भी पढ़ें-हम ट्रिपल तलाक के पक्ष में नहीं हैं: अमित शाह
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को एक बार फिर से तीन तलाक अध्यादेश को मंजूरी दी है। इससे पहले गुरुवार को केंद्रीय कैबिनेट ने एक बार में तीन तलाक को अपराध घोषित किए जाने से संबंधित इस अध्यादेश को फिर से जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। बता दें कि पहला अध्यादेश पिछले साल सितंबर में जारी किया था। जो 22 जनवरी को समाप्त हो रहा है।
गौरतलब है कि लोकसभा से पारित होने के बाद राज्यसभा में यह बिल रोक दिया गया था, जिसकी वजह से तीन तलाक विरोधी बिल ‘द मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स इन मैरिज एक्ट’ पारित नहीं हो पाने की वजह से मोदी सरकार को दोबारा से यह अध्यादेश लाना पड़ा है।
इसे भी पढ़ें-यूपी की नेशनल खिलाड़ी झेल रही है ट्रिपल तलाक का दंश
केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले सत्र में तीन तलाक विरोधी बिल को पास कराकर मुस्लिम महिलाओं को ट्रिपल तलाक से आजादी दिलाने की जिम्मेदारी ली थी। जिसमें वह सफल नहीं हो सके। एनडीए सरकार ने इस विधेयक को लोकसभा से तो पास करा लिया था, लेकिन राज्यसभा में यह फिर से लटक गया। गौरतलब है कि लोकसभा में बीजेपी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी (राजग) का बहुमत है। वहीं संसद के उच्च सदन (राज्यसभा) में बिल को पास कराने के लिए पर्याप्त बहुमत नहीं है।