नई दिल्ली। एससी एसटी एक्ट को लेकर बीते 20 मार्च को माननीय सुप्रीम कोर्ट ने नई गाइड लाइन जारी की है। जिसको लेकर पूरे देश में कई राजनीति दलों और एससी एसटी समुदाय में खासा रोष व्याप्त है। यह रोष अब सड़कों पर पहले प्रदर्शन में निकला लेकिन अपनी मांगो को लेकर ये प्रदर्शन अब हिंसक हो गया। दलित समुदाय अपने आपको समाज में वंचित बताता है। इससे समाज में खड़ा होने के लिए संविधान में कई सहूलियतें मिली हुई थी। इनके उत्पीडन को रोकने के लिए कानूनों को कठोर बनाया गया था। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दखल देते हुए । इसके अधिकारों को संरक्षित करने और उत्पीडन से रोकथाम करने वाले इस कानून में कुछ व्यापक बदलाव कर दिए हैं। जिसको लेकर ये समुदाय काफी रोष में आ गया है।
#BharatBandh march at Gaya Sherghati road. Blockades all around. Of course, slogan against MODI. #SCSTAct pic.twitter.com/yC6Zfj85AU
— Bahujan4India (@Bahujan4India) April 2, 2018
विपक्ष को मिला मुद्दा
दलितों को भारतीय समाज के सबसे निचले पायदान पर रखना RSS/BJP के DNA में है। जो इस सोच को चुनौती देता है उसे वे हिंसा से दबाते हैं।
हजारों दलित भाई-बहन आज सड़कों पर उतरकर मोदी सरकार से अपने अधिकारों की रक्षा की माँग कर रहे हैं।
हम उनको सलाम करते हैं।#BharatBandh
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 2, 2018
वहीं इस मामले में तेजस्वी यादव ने भी ट्वीट का सहारा लेते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा है।उन्होने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के सामने क्यों नहीं बेहतरीन ढंग से आई वो अध्यादेश के जरिए इस बात को क्यों नहीं लागू करती है।वो पुर्नविचार याचिका के जरिए सुप्रीम कोर्ट में जाने का नाटक क्यूं कर रही है। सरकार की पुर्निविचार याचिका और इस आदेश के खिलाफ हम एससी-एसटी के भारत बंद का समर्थन करते हैं।
First tell why you were unable to present it properly with facts before SC? Why don’t you come up with an ordinance on it rather than review petition? And Why decision of review petition just before #BharatBandh https://t.co/THIqRaKOM0
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) April 2, 2018
Our party @RJDforIndia is totally out in full support of #BharatBandh against the dilution of SC/ST Act by Modi Govt.
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) April 2, 2018
हांलाकि इस मामले में भाजपा की बहराइच सांसद ने भी अपनी सरकार पर संगीन आरोप लगाए हैं।लखनऊ में आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए सावित्री बाई पुले ने कहा कि आरक्षण खत्म करने की साजिश की जा रही है। दलित समाज बर्दाश्त नहीं करेगा। वहीं केन्द्र सरकार में मंत्री और बिहार के दलित नेता रामबिलास पासवान ने सरकार की ओर से इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि सरकार दलितों की प्रगति के लिए प्रतिबद्ध है। इस मामले में सरकार की ओर से माननीय सुप्रीम कोर्ट के समक पुर्नविचार याचिका दाखिल की जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा एट्रोसिटी ऐक्ट के सम्बंध में दिए फ़ेसले के मुद्दे को लेकर आंदोलन करने वाले सभी संगठनो और विरोधी पार्टियों से मेरा अनुरोध है कि केंद्र सरकार द्वारा रिव्यू पेटीशन फ़ाइल करने के इस निर्णय के परिपेक्ष्य में वो कल 2 तारीख को प्रस्तावित आंदोलन वापिस ले ले।
— Ram Vilas Paswan (@irvpaswan) April 1, 2018
सुप्रीम कोर्ट ने एट्रोसिटी ऐक्ट के सम्बंध में जो फ़ेसला दिया है उसके सम्बंध में केंद्र सरकार कल सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर करेगी ।लोक जनशक्ति पार्टी सरकार के इस निर्णय का हार्दिक स्वागत करती है।
— Ram Vilas Paswan (@irvpaswan) April 1, 2018