नई दिल्ली: नोटबंदी पर रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के बाद विपक्षी दलों ने सीधा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है और उनपर झूठ बोलने के आरोप लगाये. कांग्रेस ने कहा कि आरबीआई की रिपोर्ट ने नोटबंदी को एक बार फिर ‘मोदी मेड डिजास्टर’ साबित किया है. वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने श्वेत पत्र लाने की मांग की.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुराने बयानों की याद दिलाते हुए कहा, ”याद करें किसने कहा था की 3 लाख करोड़ रुपये वापस नहीं आएंगे और इससे सरकार को फायदा होगा?”
Over 100 lives were lost. 15 crore daily wage earners lost their livelihood for several weeks. Thousands of SME units were shut down. Lakhs of jobs were destroyed.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) August 29, 2018
चिदंबरम ने कहा कि नोटबंदी की बड़ी कीमत देश के लोगों ने चुकाई है. उन्होंने कहा, ”100 से अधिक लोगों की मौत हो गई. 15 करोड़ मजदूरों को कई हफ्ते तक रोजगार नहीं मिला. हजारों छोटे उद्योग-धंधे बंद हो गए. लाखों नौकरियां खत्म हो गई.”
रणदीप सुरजेवाला ने पूछा सवाल
वहीं कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पूछा कि क्या प्रधानमंत्री झूठ के लिए माफी मांगेंगे. उन्होंने कहा, ”आरबीआई की रिपोर्ट ने एक बार फिर नोटबंदी को ‘मोदी मेड डिजास्टर’ साबित किया. नोटबंदी के दौरान चलन से बाहर किए गए 99.30% नोट वापस आ गए. पीएम मोदी ने 2017 में अपने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दिए गए भाषण में बड़े दावे किए थे कि तीन लाख करोड़ रुपए सिस्टम में वापस आ रहे हैं. मोदी जी क्या आप इस झूठ के लिए अब माफी मांगेंगे?”
RBI Report again proves that Demonetisation was ‘Modi Made Disaster’ of Epic Proportions!
99.30% of Demonetised Money Returns!
PM Modi,in his 2017 Independence Day speech made tall claims of Rs 3 Lakh Cr coming back to the system!
Modiji, will you apologise for that Lie now? pic.twitter.com/BQkyUyh6hN
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) August 29, 2018
केजरीवाल का हमला
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि नोटबंदी की वजह से कईयों को जान गंवानी पड़ी और उससे क्या हासिल हुआ. उन्होंने कहा, ”नोटबंदी की वजह से लोगों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा. कईयों की मौत हो गई. बिजनेस प्रभावित हुआ. लोगों को जानने का अधिकार है कि नोटबंदी से क्या हासिल हुआ? सरकार को श्वेत पत्र लाना चाहिए.”