श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना और पुलिस द्वारा आतंकवादियों के सफाए के लिए चलाए जा रहे ऑफरेशन और कश्मीर को लेकर सेना प्रमुख के बयान पर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। राज्य की विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल नेशनल कॉन्फ्रेंस ने सेना प्रमुख के बयान को लेकर संसद की कार्यवाही को बाधित कर दिया और सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। विपक्ष ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि सेना कश्मीर के मामले में हस्तक्षेप कर रही है और कश्मीर मसला एक राजनीतिक मुद्दा है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक अली मोहम्मद सागर ने कहा कि कश्मीर को लेकर जिस कट्टरता की बात की जा रही है वो कट्टरता कश्मीर में हमें कहीं नजर नहीं आ रही है।
विधायक ने कहा कि कश्मीर के लोग अमन पसंद है। उन्होंने कहा कि कश्मीर मामला राजनीतिक है तो उसका हल भी राजनीतिक होना चाहिए। वहीं बीजेपी विधायक रविन्द्र रैना ने इसके जवाब में कहा कि सेना प्रमुख की कश्मीर को लेकर जो भी चिंता है वो सही है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद का गढ़ है। वहां से आतंकियों को बम, गोले और हथियार देकर कश्मीर में भेजा जाता है और ऐसे में सेना अदम्य पराक्रम दिखाते हुए उनके साथ मुकाबला करती है और हमे सेना को सैल्यूट करना चाहिए।
गौरतलब है कि देश की सरहदों को महफूज रखने वाली भारतीय सेना हर साल 15 जनवरी को थल सेना दिवस मनाती है। इस साल भी भारतीय सेना ने बड़े जोश से थल सेना दिवस मनाया। इस मौके पर थल सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत, नेवी चीफ सुनील लांबा और एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने अमर जवान ज्योति पर शहीदों को याद किया। इसी बीच सेना प्रमुख बिपिन रावत ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के हालातों में सुधार हो रहा है और वहां के लोग रास्ते पर आ रहे हैं।