केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर भारत-चीन समेत कई अहम मुद्दों पर सर्वदलीय बैठक में विपक्ष की तरफ से चीन विवाद और जम्मू कश्मीर पर सवाल पूछे गए जिनके जवाब सरकार की तरफ से दिए गए। विपक्ष के वरिष्ठ नेताओं ने सरकार को देश के वर्तमान हालात पर कई अहम सुझाव भी दिए। सरकार की तरफ से डीजी पीआईबी ने बताया कि इस सर्वदलीय बैठक का मुख्य उद्देश्य सभी पार्टियों के सांसदों को अमरनाथ यात्रियों पर हुए आतंकी हमले के बाद की स्थिति से अवगत कराना था। विपक्षी पार्टियों के 19 सांसदों ने इस बैठक में भाग लिया। सरकार ने स्पष्ट किया कि जिनको नहीं बुलाया गया उनको शनिवार को समय बुलाया जाएगा और निर्णय से अवगत करवाया जाएगा। इसके अलावा बैठक में भारत और भूटान के पुराने संबंधों पर भी चर्चा की गई।
विदेश मंत्रालय प्रवक्ता गोपाल बागले ने बैठक के बारे में कहा कि सरकार की तरफ से वरिष्ठ मंत्रियों ने सभी राष्ट्रीय दलों को डोकलाम की स्थिति से परिचित कराया। सभी प्रतिभागियों ने भारत के प्रयास का पूरा समर्थन किया और राष्ट्रीय एकता पर बल दिया। बागले ने कहा सरकार की तरफ से विपक्षी दलों को भारत और चीन के कूटनीतिक संबंधों के बने रहने की जरूरत से अवगत करवाया गया। भारत और भूटान के पुराने संबंधों पर भी चर्चा की गई। बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने कहा, ‘विदेश मंत्री और विदेश सचिव ने सीमा मामले की पूरी जानकारी दी। सभी विपक्षी नेताओं ने सरकार का समर्थन करने का वादा किया है’
दूसरी तरफ मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, ‘कांग्रेस की प्राथमिकता देश की सुरक्षा है, हमने बैठक में अपने सवाल उठाए और कहा कि देश की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं हो सकता है। इस मामले में सब लोग सरकार के साथ हैं। हम लोगों ने कहा की कूटनीति तरीके से बातचीत करके मामले का हल निकाला जाना चाहिए’ सीपीआईएम महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, ‘सरकार ने जम्मू कश्मीर को लेकर कहा है कि हम बातचीत के जरिए हालात से निपटेंगे, उन्होंने सुरक्षा पर स्पष्टीकरण भी दिया’ तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओ ब्रायन ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘हमने कुछ गंभीर सवाल पूछे कि सरकार तैयार क्यों नहीं थी? हमें जवाब नहीं दिया गया। सूत्रों के अनुसार बैठक में सरकार द्वारा कांग्रेस समेत विपक्षी दलों को चीन और जम्मू-कश्मीर को लेकर ताजा स्थिति की जानकारी दी। सरकार की तरफ से विस्तृत रूप से उठाए गए कदमों को भी जानकारी विपक्षी नेताओं को दी गई।