विपक्षी दलों ने किया राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार, लोकसभा अध्यक्ष ने बुलाई सर्वदलीय बैठक

नई दिल्ली। जैसा कि सभी जानते हैं गणतंत्र दिवस के मौके पर हुई हिंसा के बाद देश का माहौल बदल गया है। सभी राजनीतिक पार्टियां सरकार का जमकर विरोध कर रही हैं। साथ ही सरकार पर ट्रैक्टर मार्च में हिंसा करवाने के आरोप भी लगाए जा रहे हैं। इसके साथ ही पुलिस ने किसान आंदोलन को खत्म करना शुरू कर दिया। यानि पुलिस द्वारा किसानों को दिल्ली बाॅर्डर से हटाया जा रहा है। इसके साथ ही आज राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद बजट सत्र भी शुरू होने वाला है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी। हालांकि किसानों के मुद्दों को लेकर 18 विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के बहिष्कार का एलान किया है। जिसमें कांग्रेस समेत एनसीपी, टीएमसी, शिवसेना, एसपी, शिरोमणि अकाली दल, बीएसपी और आम आदमी पार्टी शामिल है।
राष्ट्रपति के अभिभाषण के बहिष्कार के अपने फैसले पर पुनर्विचार करें- प्रह्लाद जोशी
बता दें कि कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन को करीब दो महीने हो चुके हैं। किसान कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली के चारों ओर डटे हुए हैं। लेकिन सरकार ने कृषि कानूनों को वापस लेने से साफ इंकार कर दिया है। इसके साथ ही किसानों के मुद्दों को लेकर 18 विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के बहिष्कार का एलान किया है। जिसमें कांग्रेस समेत एनसीपी, टीएमसी, शिवसेना, एसपी, शिरोमणि अकाली दल, बीएसपी और आम आदमी पार्टी शामिल है। जिसके चलते संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सत्र की शुरुआत से पहले कहा कि विपक्षी दलों के नेता राष्ट्रपति के अभिभाषण के बहिष्कार के अपने फैसले पर पुनर्विचार करें। बजट सत्र को लेकर दोपहर 2 बजे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
मायावती ने किया ये ट्वीट-
इसके साथ ही बसपा सुप्रीमों मायावती ने ट्वीट कर कहा कि बी.एस.पी. ने देश के आंदोलित किसानों के तीन विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग नहीं मानने व जनहित आदि के मामलों में भी लगातार काफी ढुलमुल रवैया अपनाने के विरोध में आज मा. राष्ट्रपति के संसद में होने वाले अभिभाषण का बहिष्कार करने का फैसला लिया है।