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नेता प्रतिपक्ष का भाजपा पर निशाना, हेल्‍थ से लेकर नौकरी तक उठाए ये मुद्दे

नेता प्रतिपक्ष का भाजपा पर निशाना, हेल्‍थ से लेकर नौकरी तक उठाए ये मुद्दे

बलिया: उत्तर प्रदेश सरकार की विफलताओं से घबराई भाजपा जनता का ध्यान भटकाने के लिए प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल में फेरबदल के ड्रामे की स्क्रिप्ट दिल्ली में लिख रही है। लेकिन प्रदेश की बिल्कुल ध्वस्त हो चुकी कानून व्यवस्था के बाद कॅरोना की दूसरी लहार ने प्रदेश की जर्जर स्वास्थ व्यवस्था की कलई ही खोल दी।

पूरे चार वर्षों से यूपी सरकार सिर्फ बयान दे रही है। धरातल पर कोई काम नहीं हो रहा। ग्रामीण इलाके से लेकर जनपदीय चिकित्सालयों में दवा, बेड से लेकर जांच तक का अभाव है, जिसका परिणाम रहा कि कोरोना महामारी में जनता कहीं बेड के लिए गिड़गिड़ा रही है तो कहीं ऑक्सीजन के लिए तड़प रही है।

‘नाकामियों पर पर्दा डाल रही सरकार’

प्रदेश के नदियों के तट इंसानों के शवों से पट गए और उन शवों को चील्ह, कौवे, कुत्ते और अन्य जानवर नोच-नोच के खा रहे हैं। वहीं सरकारी मुलाजिम अपने नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए रेतों में गड़े शवों के कफन नोचवा रहे है।

हिंदुत्व की दुहाई देने वाले लोगों की सरकार में इंसानी शवों की यह दुर्दशा  बयां करने योग्य भी नहीं है। फिर भी सत्ता के मद में चूर सरकार अपने में मस्त है। समाजवादी पार्टी सरकार के कार्यकाल में प्रदेश के अंदर स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर बनाने के लिए जो कार्य किये गए थे, उन्हें भी राजनीतिक द्वेष के कारण अवरुद्ध कर दिया गया।

किसानों के गेहूं खरीद की समस्या: राम गोविंद चौधरी

ये बातें उत्तर प्रदेश विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता राम गोविंद चौधरी ने कही हैं। शुक्रवार को मीडिया को बयान देते हुए उन्‍होंने कहा कि, अभी प्रदेश के लोग कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से जूझ ही रहे हैं। इसी बीच किसानों के गेहूं खरीद की भी समस्या उत्पन्न हो गई है। क्रय केंद्रों पर ताले लगे हुए हैं।

उन्‍होंने कहा कि, प्रतिदिन पीड़ित किसान हमसे संपर्क करते हैं, उनकी हालत सुनकर मन द्रवित हो जाता है। अनेक उम्मीदों को मन में संजोये किसान अपनी उपज बेचने क्रय केंद्रों पर जाकर निराश होता है और उसका लाभ बिचौलिए उठाते हैं। शुरू से ही वर्तमान सरकार की नीयत किसानों के प्रति गड़बड़ रही है। किसानों को बर्बाद करने वाला काला कृषि कानून किसानों के प्रति इनकी सोच का प्रमाण है।

‘तीहरी मार झेल रहा किसान’

नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने कहा कि, किसान इस समय दोहरी तीहरी मार झेल रहा है। महामारी से लड़कर फसल उगाई, वह अभी बिकी भी नहीं कि अगले फसल (धान) की नर्सरी लगाने का वक्त आ गया। ऐसे में किसान क्या करे, जब सरकार अपने कानों में तेल डालकर सो गई है।

उन्‍होंने कहा कि, अगर कोई अपनी समस्या उठाता है तो बदले में उसे सिर्फ लाठी, आंसू गैस और गोली मिलती है, जो लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए उचित नहीं है। रोजमर्रा की वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं। सरकार का बाजार पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है और आम आदमी महामारी के बीच महंगाई से पीस रहा है।

भाजपा का एजेंडा सिर्फ चुनाव: नेता प्रतिपक्ष

राम गोविंद चौधरी ने कहा कि, मुख्यमंत्री ने अभी जो मंडलों पर निरीक्षण के नाम पर दौरे किए हैं स्वास्थ समस्या के समाधान के लिए नहीं बल्कि आगामी विधानसभा चुनाव की व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए जा रहे हैं। वहीं, दिल्ली में इस महामारी से लड़ने की रणनीति के बजाय आगामी चुनाव पर बैठक कर रणनीति बन रही है। इनके एजेंडा में सिर्फ और सिर्फ चुनाव है।

नेता प्रतिपक्ष ने सरकार से मांग की है कि, प्रदेश में गांव स्तर पर स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा को सुदृढ़ किया जाय। सभी क्रय केन्द्रों को तत्काल क्षमता बढ़ाकर चालू कराया जाय। प्रदेश के सभी विभागों में रिक्त पड़े पदों पर नई नियुक्ति की जाय। कर्मचारियों के रोके गए भत्ते अविलंब जारी किए जाएं। कोरोना काल में मृत प्रदेश के समस्त नागरिकों को आर्थिक सहायता दी जाए।

2022 में होगा भाजपा का सफाया

उन्‍होंने अपने बयान में कहा कि, जनता अब भाजपा के बहकावे वाली नीति को समझ चुकी है। 2022 में इन किसान विरोधी, युवा विरोधी, विकास विरोधी, महिला विरोधी, कर्मचारी विरोधी, मानवता विरोधी लोगों का सफाया निश्चित है।

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