नई दिल्ली। यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव और यूपी में बीजेपी की सरकार बनने के बाद से ही चुनावी मशीन EVM में छेड़छाड़ को लेकर विवाद छिड़ गया था। जिसमें विपक्षी दलों का कहना था कि EVM मशीनों के साथ छेड़छाड़ की गई है। इसके बाद चुनाव आयोग ने विपक्षी दलों को चुनौती दी थी की वो गड़बड़ी को साबित कर के दिखाएं और विपक्षियों ने इस चुनौती को स्वीकार भी किया था। लेकिन अब सभी विपक्षी इस चुनौती से डर गए और सभी ने अपने कदम पिछे हटा लिए और मैदान छोड़ दिया। ये भी सच है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और सीपीआई (एम) ने निर्वाचन आयोग की ओर से दी गयी चुनौती को स्वीकार करते हुए ईवीएम को हैक करने के लिए आवेदन किया है। इन दोनों राजनीतिक दलों के अलावा ईवीएम मे छेड़छाड़ के आरोप लगाने वाले अधिकांश विपक्षी दल इसे सिद्ध कर दिखाने की चुनाव आयोग की चुनौती का सामना करने से पीछे हट गए। केवल दो दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने ही इसे स्वीकार किया है।
बता दें कि चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को इस चुनौती में हिस्सा लेने के लिए आवेदन करने की तारिख दी थी। लेकिन ज्यादा दलों ने इसमें आवेदन करने के बजाय इसी की प्रक्रिया पर सवाल उठा दिए और इसमें बदलाव की मांग करने लगे। चुनाव आयोग का कहना है कि सिर्फ दो दलों ने ही इसमें आवेदन किया है। जबकि आठ राजनीतिक दलों ने अलग-अलग मांग करते हुए आयोग को पत्र लिखे हैं। राकांपा ने इस चुनौती में हिस्सा लेने के लिए अपने तीन प्रतिनिधियों के नाम आयोग को भेजे हैं।
आयोग का कहना है कि सभी आवेदनों की दोबारा जांच की गई है और उसके बाद माकपा ने इसमें हिस्सा लेने की इच्छा जाहिर की और चिनौती को स्वीकार करने के लिए कहा। आयोग ने कहा कि रांकापा के आवेदन को देखते हुए फैसला किया गया है कि तीन जून को मशीनों में छेड़छाड़ को साबित करने के कार्यक्रम का आयोजन होगा। छेड़छाड़ को साबित करने के लिए मशीनें पंजाब ,उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से मंगायी जायेंगी।
साथ ही मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने आयोग को पत्र लिखकर कहा कि मशीनों के प्रक्रिया में ढील दी जाए और शर्तों को कम किया जाए। साथ ही भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल ने इस प्रदर्शन को देखने की इच्छा जतायी है, जबकि ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने से इंकार कर दिया है। आयोग का कहना है कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का आवेदन ई-मेल के जरिये शाम पांच बजकर 39 मिनट पर प्राप्त हुआ, जबकि आवेदन स्वीकार करने की समय सीमा शाम पांच बजे खत्म हो गई थी। इसलिए राजद का आवेदन खारिज कर दिया गया।