लखनऊ: कोरोना के दौरान ज्यादातर लोग घर पर ही रहे और यहीं से अलग-अलग तरीके से जीविका चलाने की भी कोशिश की गई। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके ऑफिस से लेकर कई काम काज संपन्न करवाए गए। इसी बीच ऑनलाइन गैंबलिंग के मामले भी तेजी से बढ़े हैं, जिस पर अब लगाम लगाया जा रहा है।
राज्य विधि आयोग ने बदले नियम
ऑनलाइन कंपनी के मामले में राज्य विधि आयोग ने सख्त कदम उठाने की बात कही। आयोग के अध्यक्ष ने कानून का नया प्रारूप तैयार किया है, जो सीएम योगी तक जल्द ही सौंपा जाएगा। इसके मामले में उत्तर प्रदेश सरकार अध्ययन करने के बाद नए कानून लागू कर सकते हैं।
3 साल की सजा का हो सकता है प्रावधान
ऑनलाइन गैंबलिंग के मामले में राज्य विधि आयोग में नया प्रस्ताव भेजा है, जिसमें ऐसे लोगों के खिलाफ अधिकतम 3 साल की सजा और आर्थिक दंड का जिक्र किया गया है। बीते कुछ वर्षों में ऑनलाइन फ्रॉड के मामले में बहुत तेजी से बढ़े हैं। लोगों को एक लिंक के माध्यम से लूट लिया जाता है।
इसके अलावा कई सारे मोबाइल एप्लीकेशन, गेम का भी इस्तेमाल करके गैरकानूनी गतिविधियां चलाई जाती हैं। इससे लोगों का आर्थिक नुकसान भी होता है और उन पर मानसिक दबाव भी पड़ता है। इसी सब को ध्यान में रखते हुए अब उत्तर प्रदेश सरकार नियमों में तब्दीली कर सकती है।
पहले भी अन्य राज्यों ने बनाए नियम
मेघालय, गोवा, महाराष्ट्र, उड़ीसा, दिल्ली जैसे राज्यों ने पहले से ही सख्त नियम बना दिए हैं। अब केंद्र सरकार भी सार्वजनिक जुआ अधिनियम में तब्दीली करने जा रही है, इस नियम को खत्म करके राज्यों को अलग से नियम बनाने के लिए कहा जाएगा। अभी मौजूदा कानून की बात करें तो सार्वजनिक स्थान पर अगर जुआ खेलता कोई व्यक्ति पकड़ा जाता है तो उसे ₹50 का जुर्माना या 3 माह की सजा देने का प्रावधान है। इस प्रस्ताव में ऑनलाइन फ्रॉड को रोकने पर विशेष जोर दिया जाएगा। साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर जुआ और सट्टा जैसी गतिविधियों पर भी लगाम लगाई जाएगी।