महाभारत में दौपदी के पांच पांडवों के बारे में सभी जानते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं, भारत के कुछ हिस्सों में आज भी कुछ औरतें कई सारे भाइयों के साथ रहती हैं।आपको बता दें, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के इलाकों में बहुपति प्रथा अब कम बेशक हो चुकी है। लेकिन कायम जरूर है। तिब्बत में भी इसका उल्लेख मिलता है। हिमाचल और उत्तराखंड दोनों राज्यों के कबायली इलाकों में आज भी कई महिलाओं के एक से लेकर पांच-सात पति तक हैं। दक्षिण भारत और नार्थ ईस्ट में कई जनजातियों में ये प्रथा है।
इस प्रथा में एक स्त्री को पति के भाइयों से भी शादी करनी होती है। पहले वो परिवार के किसी एक पुरुष से शादी करती है और फिर उसकी शादी उसके भाइयों से भी होती जाती है।इन सभी शादियों में सभी पति बारी बारी से पत्नी के साथ समय गुजारते हैं। आमतौर पर कोई शिकायत सामने नहीं आती। यहां की महिलाएं भी खुशी-खुशी इस परंपरा को स्वीकार करती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तरी भारत में हिमाचल के किन्नौर और उत्तराखंड में चीन से सटे इलाकों में ये प्रथा है।
हिमाचल की बहुपति परंपरा में एक ही छत के नीचे रहने वाले परिवार के सभी भाई एक ही युवती से परंपरा के अनुसार, शादी करते हैं। वैवाहिक जीवन जीते हैं। अगर किसी महिला के कई पतियों में से किसी एक की मौत भी हो जाए तो भी महिला को दुख नहीं मनाने दिया जाता।
अगर किसी परिवार में चार भाई हैं। सभी का विवाह एक ही महिला से हुआ है। ऐसी स्थिति में अगर कोई भाई महिला के साथ कमरे में है तो वो बाहर दरवाजे पर अपनी टोपी रख देता है। इससे मालूम हो जाता है कि कोई भाई अंदर है।तब कोई भाई उस कमरे में नहीं घुसता है।
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इस तरह वो अपना जीवन खुशी-खुशी बिताते हैं। भारत के इन क्षेत्रों के इस रिवाज की दुनियाभर के न्यूज अखबारों और साइट्स में काफी चर्चा है। हालाकि ये रिवाज भारत में न के बराबर ही देखने को मिलेगा।