नई दिल्ली। देश में लोकसभा और विधाननसभा चुनाव को एक साथ कराने के लिए कवायदें तेज हाती जा रही हैं। आज इस मामले पर बोलते हुए पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने इस विचार का स्वागत किया है और इसके साथ ही इसे एक सुंदर अवधारणा बताया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि यह विचार जरुर प्रभावशाली है और देश के हित में है लेकिन इसे लागू करने के लिए नीति बनाने की जरुरत है और साथ ही कई सारे मुद्दों पर समाधान को तलाशने की जरुरत है।
कुरैशी ने कहा कि सरकार को इसस बारे मे विचार करने की जरुरत है, नीति बनाने की जरुरत है, हां पर अगर इसपपर गंभीरता से चर्चा की जाए तो इसे लागू किया जा सकता है। इसके लिए सरकार को सीआरपीएफ व अन्य केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की संख्याा मे और इजाफा करने की जरत है, अगर सरकार और बटालियनों का इंतजाम कर लेती है तो यह निर्णय लेना चुनाव आयोग के लिए और आसान हो जाएगा और चुनाव को कम समय में कराया जा सकता है। आपको बता दें कि ये सारे विचार ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के मुद्दे पर आयोजित सेमिनार में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने कही।
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने उस दावे को अतिशयोक्ति करार दिया जिसमें कहा जाता है कि चुनाव आचार संहिता लागू होने पर जड़ता आ जाती है। सरकार को निर्देशा देते हुए उन्होंने कहा कि सरकारों को चुनाव के दौरान आचार संहिता के घोषणा हो जाने के बाद से किसी भी याोजना कीी घोषणाा नहीं करनी चाहिए, सरकारें अक्सर ऐसा करती हैं जिससे अन्य पार्टियों के लिए समानता का अवसर नहीं रह जाता है। एक सवाल उठाते हुए उन्हांेने कहा कि पूरे साल तक सत्ता में रहने वाली सरकारें ना जाने कहां खोई रहती हैं और चुनाव आचार संहिता की घोषणा होते ही इनके योजनाओं के पिटारे खुल जाते हैं, जिसे जनताा की इतनी ज्यादा फिक्र है वो पूरे साल कुछ ना करते हुए आचार संहिता का इंतजार क्यों करती हैं।