लखनऊ। कोरोना महामारी के चलते देश की आर्थिक स्थिति बेहद ही चिंताजनक हो गई थी। देश में लाॅकडाउन लगने की वजह से ज्यादातर मजदूर काम छोड़कर अपने घर वापस आ गए थे। जिसके बाद लोगों को बेरोजगारी का सामना करना पड़ा। बेरोजगारी को देखते हुए सरकार सभी को रोजगार देने के लिए नई-नई स्किम ला रही है। जिसके चलते उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की ‘एक जनपद एक उत्पाद योजना’ (ओडीओपी) रोजगार के मामले में कारगार साबित हुई है। सभी राज्यों ने रोजगार देने के लिए अथक प्रयास किए हैं। उन प्रयासों के परिणाम के आधार पर भारतीय रिजर्व बैंक ने जो रैंक दी है, उसके मुताबिक उत्तर प्रदेश 5वें स्थान पर आया है। यूपी सूक्ष्म लघु एंव मध्यम उद्यम(MSME) के जरिए रोजगार देने में पाचवें स्थान पर है।
उत्तर प्रदेश 5वें स्थान पर-
बता दें कि आरबीआई ने देश के सभी राज्यों का आकलन कर एमएसएमई सेक्टर में रोजगार की रिपोर्ट तैयार की है। एमएसएमई के जरिये रोजगार सृजन के मामले में राजस्थान, कर्नाटक, दिल्ली और पंजाब जैसे राज्य यूपी से पीछे हैं। आरबीआई ने कोरोना के संकट काल में योगी सरकार द्वारा रोजगार सृजन के आंकड़ों को अपनी रिपोर्ट में शामिल किया है। रिजर्व बैंक की रैंकिंग में महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात और मध्य प्रदेश के बाद उत्तर प्रदेश है। कोरोना की विपरीत परिस्थितियों में योगी सरकार ने 20 लाख से ज्यादा मजदूरों की स्किल मैपिंग करा कर उन्हें सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के जरिये अलग अलग क्षेत्रों में रोजगार से जोड़ा। राज्य सरकार ने फिक्की और आइआईए के साथ 6 लाख मजदूरों को रोजगार से जोड़ने का एमओयू साइन किया तो नार्डको और लघु उद्योग भारती जैसे संस्थानों के साथ 5 लाख रोजगार सृजन का एमओयू कर कुल 11 लाख लोगों को निजी क्षेत्र में रोजगार से जोड़ने का काम किया।
यूपी में एमएसएमई की 90 लाख इकाइयां संचालित
प्रदेश में एमएसएमई की 90 लाख इकाइयां संचालित हैं, जो कि देश में एक रिकार्ड है। कोरोना और लॉकडाउन के दौर में योगी सरकार की ‘एक जनपद एक उत्पाद योजना’ (ओडीओपी) रोजगार के मामले में गेम चेंजर साबित हुई। MSME के अंतर्गत शुरू की गई इस योजना के जरिये राज्य सरकार ने स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार के साथ ही व्यापार से भी जोड़ा। ओडीओपी के तहत हर जिले के एक उत्पाद को ब्रांड बना कर राज्य सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मार्केटिंग की। अमेजॉन और फ्लिप्कार्ट जैसी कंपनियों के साथ सरकार के ऑनलाइन व्यापार के एमओयू ने योजना को गति दे दी। बड़े जिलों के साथ जौनपुर, एटा, पीलीभीत, मिजार्पुर और प्रतापगढ़ जैसे छोटे जिले भी ओडीओपी योजना के साथ रोजगार के केंद्र बन गए। अपर मुख्य सचिव एमएसएमई डा. नवनीत सहगल ने कहा कि योगी सरकार की मंशा है कि सभी गरीबों को रोजगार मिले। इस उपलब्धि में ओडीओपी ने बड़ी भूमिका निभाई है।