हरियाणा। राज्य का मशहूर बाबा गुरमीत राम रहीम तो सबको याद ही होगा। कैसे वह बाबा के भेष में एक दरिंदा था। जिसके चलते अब बलात्कार का दोषी राम रहीम अपनी सजा रोहतक की सुनारिया जेल में काट रहा है। इसी बीच उसे एक दिन के लिए सीक्रेट पैरोल पर जेल से बाहर भेजा गया था। इसकी खबर पूरे हरियाणा में मात्र 4 लोगों को ही थी। जिसमें एक राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर शामिल है। राम रहीम को जेल से बाहर ले जाने की पूरी तैयारी बड़ी ही सोच-समझकर की गई थी। यह पैरोल बाबा को उनकी मां से मिलने के लिए दी गई थी। क्योंकि उनकी मां नसीब कौर कई दिनों गुरुग्राम के मेंदात अस्पताल में भर्ती है।
पुलिस ने राम रहीम के जेल वैन में चारों तरफ से लगा दिए थे पर्दे-
बता दें कि बलात्कार का दोषी डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम 24 घंटे के सीक्रेट पैरोल पर जेल से बाहर निकला। गुरमीत राम रहीम को ये पैरोल 24 अक्टूबर को मिली थी। 90 वर्ष की नसीब कौर कई दिनों से मेदांता अस्पताल में भर्ती है। अपनी मां से मिलने के लिए गुरमीत राम रहीम कई बार पैरोल की याचिका अदालत में लगा चुका था। लेकिन पहले हरियाणा सरकार इसके लिए इजाजत नहीं दे रही थी। आखिरकार 24 अक्टूबर के लिए गुरमीत राम रहीम की याचिका स्वीकार हो गई। गुरमीत राम रहीम के समर्थकों की विशाल संख्या को देखते हुए, उसे जेल से बाहर लाना प्रशासन के लिए काफी चुनौतीपूर्ण था। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस ने राम रहीम के जेल वैन में चारों तरफ से पर्दे लगा दिए थे ताकि उस पर किसी की नजर न पड़े। रोहतक के सुनारिया जेल से राम रहीम को गुरुग्राम के मेदांता हस्पताल में लाया गया। यहां पर राम रहीम सुबह से लेकर शाम तक अस्पताल में अपनी माता के पास रहा। इसके बाद शाम को वापस सुनारिया जेल में ले जाकर राम रहीम को उसकी बैरक में बंद कर दिया गया।
दर्जनों वाहनों के काफिलों के साथ सुनारिया से गुरुग्राम ले जाया गया-
हरियाणा के जेल मंत्री रणजीत चौटाला का कहना है कि हरियाणा सरकार को राम रहीम की तरफ से पैरोल याचिका मिली थी। इस याचिका में उसने मेदांता अस्पताल में इलाज करवा रही अपनी माता नसीब कौर से मिलने की प्रार्थना की थी। उसको ध्यान में रखते हुए उन्हें एक दिन के लिए कड़ी सुरक्षा में पैरोल दी गई थी और वापस उसी दिन रोहतक की सुनारिया जेल में बंद कर दिया गया है। गुरमीत राम रहीम दो युवतियों से रेप का दोषी है और अभी रोहतक की जेल में सजा काट रहा है। राम रहीम को पैरोल देने से लेकर उसे जेल लाने और वापस ले जाने की सारी कार्यवाही इतनी गोपनीय तरीके से की गई थी। सुनारिया जेल प्रशासन ने बकायदा रोहतक जिले के SP राहुल शर्मा से सुरक्षा व्यवस्था व्यवस्था की गुजारिश की थी। इसके लिए 3 कंपनियों को तैनात किया गया था और दर्जनों वाहनों के काफिलों के साथ राम रहीम को सुनारिया से गुरुग्राम तक ले जाया गया था।