बीजिंग। यूरोप और एशिया के बीच एक दूसरे को जोड़ने वाली महत्वाकांक्षी परियोजना वन बेल्ट वन रोड़ पर दो दिवसीय हाई प्रोफाइल बेल्ट एंड रोड़ शिखर सम्मेलन आज (रविवार) से शुरू हो रहा है। लेकिन इस सम्मेलन में भारत ने भागेदारी करने से साफ इनकार कर दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा कि कोई देश ऐसी किसी परियोजना को स्वीकार नहीं कर सकता , जो संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर उसकी अंदेखी करता हो।
कश्मीर और सीपीइसी मसले पर भारत अपनी चिंता पहले ही जता चुका है। भारत लगातार चीन से वन बेल्ट-वन-रोड पर सार्थक बातचीत का कई बार आग्रह कर चुका है। हांलाकि इस सम्मेलन में रूस समेत 29 देश शामिल हो रहे हैं। हांलाकि चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा है कि भारत का कोई नेता भले ही भाग ना लेकर हो पर उनके प्रतिनिधि इसमें हिस्सा लेंगे।
लेकिन भारत का रूख अभी तक साफ और स्पष्ठ है कि जब तक चीन कश्मीर और सीपीइसी मसले पर अपना रूख साफ नहीं करता तब तक वैश्विक स्तर पर भारत और चीन के बीच ये गतिरोध जारी रहेगा। क्योंकि दक्षिण एशिया में चीन अपना प्रभाव बढाने के लिए लगातार पाक को समर्थन देता आ रहा है।