नई दिल्ली। शाहरुख खान जिन्हें हम किंग खान या बादशाह खान के नाम से भी जानते है, आज अपना 52वॉ जन्मदिन मना रहे हैं। आज भले ही बादशाह खान सबके चहेते हो लेकिन इस मुकाम को हासिल करना उनके लिए कोई आसान काम नहीं था। इस सफर को तय करते हुए उन्होने कई कठिनाईयों का सामना किया, शाहरुख खान का जन्म 2 नवम्बर 1965 को दिल्ली के एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। शाहरुख के पिता मीर ताज मोहम्मद ख़ान एक स्वतंत्रता सेनानी थे और उनकी माँ लतीफ़ा फ़ातिमा मेजर जनरल शाहनवाज़ ख़ान की पुत्री थी।
इसके अलावा उन्की एक बहन भी हैं जिनका नाम शहनाज़ है और जिन्हें प्यार से वो लालारुख बुलाते हैं। बादशाह खान ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा दिल्ली के सेंट कोलम्बा स्कूल से की।तभी से खान खेल-कूद और नाट्य कला में निपुण रहे, और इसी वजह से उन्हें “स्वोर्ड ऑफ़ ऑनर” से नवाज़ा गया जो प्रति वर्ष सबसे होनहार विद्यार्थी एवं खिलाड़ी को दिया जाता था। हंसराज कॉलेज से अर्थशास्त्र की डिग्री हासिल करने के बाद बादशाह खान ने जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय से मास कम्युनिकेशन की मास्टर्स डिग्री हासिल की। अपने माता पिता के देहांत के बाद शाहरुख दिल्ली से मुम्बई आ गए। जहां उनका विवाह गौरी ख़ान के साथ हिंदू रीति रिवाज़ों से हुआ।
एक अच्छे पति होने के साथ-साथ शाहरुख एक अच्छे पिता भी हैं, शाहरुख के तीन बच्चे आर्यन, सुहाना व अब्राहम हैं। बादशाह खान ने अपने करियर की शुरुवात 1980 में रंगमंचों व टेलिविज़न धारावाहिकों से की, धारावाहिक फौजी में अपने अभिनय का जौहर दिखाने के बाद खान ने 1992 में फ़िल्म दीवाना से फ़िल्म जगत में अपना पहला कदम रखा। इस फ़िल्म के लिए उन्हें फ़िल्मफ़ेयर से भी सम्मानित किया गया था।
शुरुआती करियर में डर,बाज़ीगर,और अंजाम जैसी फ़िल्मों में नकारात्मक भूमिकाओं से इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने के बाद उन्होने अलग- अलग तरह की फ़िल्मों में काम किया जिनमे रोमांस, हास्य, खेल व ऐतिहासिक ड्रामा भी शामिल है। उनकी प्रमुख फिल्मों में दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे, कुछ कुछ होता है , देवदास , चक दे! इंडिया , ओम शांति ओम , रब ने बना दी जोड़ी, कभी खुशी कभी ग़म, कल हो ना हो , वीर ज़ारा अबतक की सबसे बड़ी हीट फ़िल्मों में शामिल है। दिलीप कुमार के बाद खान ऐसे इकलौते अभिनेता हैं जिन्होंने आठ बार फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार जीता है।