नई दिल्ली। एनजीटी के फैसले के बाद पवित्र अमरनाथ गुफा को साइलेंस क्षेत्र घोषित किया गया है , जिसके तहत एनजीटी ने वहां भक्तों के जयकारे लगाने और मंत्रोच्चारण पर रोक लगा दी है। एनजीटी के इस फैसले का अब बीजेपी के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दूल्ला ने विरोध किया है। उमर ने इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि पवित्र अमरनाथल गुफा के बाहर तीर्थयात्रियों के जप और जयकारे से पर्यावरण को कैसे नुकसान पहुंच सकता है। बता दें कि इससे पहले बीजेपी नेता और दिल्ली प्रदेश के प्रवक्ता तेजिंदर सिंह बग्गा ने भी इस फैसले का विरोध करते हुए इसे एंटी हिंदू करार दिया था।
बग्गा ने कहा था कि एनजीटी के फैसले हमेशा हिंदुओं के खिलाफ आते हैं। हम उसके विरोध में हैं। अब अमरनाथ यात्रा को लेकर कहा गया है कि आप वहां जयकारे नहीं लगा सकते हैं, आप वहां मंत्रोच्चार नहीं कर सकते हैं। अगर हम वहां ये सब काम नहीं कर सकते तो फिर वहां पूजा पाठ की क्या जरूरत है। गौरतलब है कि एनजीटी ने अमरनाथ यात्रा के दौरान जयकारे लगाने और मंत्रों के उच्चारण पर रोक लाग दी है। एनजीटी ने अमरनाथ को साइलेंस जोन घोषित करते हुए कहा कि ये इलाका पर्याकरण की द्दष्टि से बेहद संवेधनशील है और इस इलाके में ग्लेशियरों की संवेधनशीलता के ध्यान में रखते हुए यहां शोर-शराबा नहीं होना चाहिए।
एनजीटी ने अमरनाथ श्राइन बोर्ड को आदेश देते हुए कहा कि अमरनाथ में घंटियां नहीं बजनी चाहिए। इसके अलावा यात्रियों को मोबाइल फोन ले जाने की भी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। एनजीटी ने अपने आदेश में कहा कि श्राइन बोर्ड को यह ध्यान रखना चाहिए कि वहां स्टोर रूम बनना चाहिए, जहां लोग अपने सामान को जमा करा सकें।’ यही नहीं एनजीटी ने अपने आदेश में कहा कि श्राइन बोर्ड को यह तय करना चाहिए कि लोग आखिरी चेक पोस्ट से अमरनाथ गुफा तक एक ही लाइन में जाएं।