जम्मू-कश्मीरः राज्य में एक तरफ जहां राजनीतिक उठा-पटक मची है वहीं दूसरी और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और बीजेपी नेता राम माधव भी ट्विटर पर एक- दूसरे को ललकार रहे हैं।गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग होने के बाद घाटी में सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। गुरुवार को भाजपा नेता राम माधव ने एनसीपी और पीडीपी पर आरोप लगाया है। जिस पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पलटवार करते हुए कहा या तो आरोप का सबूत दें नहीं तो माफी मांगें माधव।
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आपको बता दें कि बीजेपी के नेता राम माधव ट्वीट कर लिखा कि पीडीपी-एनसी ने पिछले महीने निकाय चुनाव का बहिष्कार करने की घषणा की थी। यह आदेश उनको बॉर्डर के पार से आया था।माधाव ने कहा ऐसा लगता है कि राज्य में सरकार बनाने के लिए उमर अब्दुल्ला को नए आदेश मिले होंगे।इसी कारण राज्यपाल को विधानसभा भंग करने का फैसला लेना पड़ा।
उमर अब्दुल्ला ट्वीट-
No, misplaced attempts at humour won’t work. You HAVE claimed my party has been acting at the behest of Pakistan. I dare you to prove it! Place the evidence of your allegation of NC boycott of ULB polls at Pak behest in public domain. It’s an open challenge to you & your Govt. https://t.co/7cumKwKxuM
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) November 22, 2018
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राम माधव के बयान पर उमर अब्दुल्ला ने पलटवार किया। माधव ने ट्वीट कर कहा कि मैं आपको चैलेंज करता हूं कि इन आरोपों को सिद्ध करके दिखाएं। अब्दुल्ला ने कहा कि आपके पास रॉ, एनआईए, सीबीआई है, जांच कर पब्लिक डोमेन में ला सकते हैं। उमर अब्दुल्ला ने कहाकि या तों इन आरोपों को साबित करें नहीं तो माफी मांगें।राम माधव ने पूर्व मुख्यमंत्री के पलटवार का जवाब दिया कि वह उनकी देशभक्ति पर सवाल नहीं खड़े कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीडीपी-एनसी के बीच अचानक उमड़ा प्रेम और सरकार बनाने की जल्दबाजी इस प्रकार के बयान दिलवा रही है।
उमर अब्दुल्ला ने कहा इस प्रकार का व्यंग्य काम नहीं करेगा
उमर अब्दुल्ला ने माधव के बयान का जवाब दिया कि इस प्रकार का व्यंग्य काम नहीं करेगा। आपने आरोप लगाया है कि मेरी पार्टी पाकिस्तान के इशारों पर काम कर रही है। मैं आपको इसे सिद्ध करने की चुनौती देता हूं।बता दें कि बुधवार शाम को महबूबा मुफ्ती ने पीडीपी के 29, एनसी के 15 और कांग्रेस के 12 विधायकों यानी कि कुल 56 विधायकों का समर्थन प्राप्त होने का दावा करते हुए सरकार बनाने की पेशकश की थी। इसके बाद राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा भंग करने का ऐलान किया था।