काठमांडू। नेपाल में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने इस्तीफा दे दिया है। उनकी जगह अब केपी ओली देश की सत्ता संभालेंगे, जोकि भारत के बजाए चीन के करीबी माने जाते हैं। दरअसल आम चुनाव में सीपीएन-यूएमएल को मिली शानदार जीत के बाद पार्टी ने प्रधानमंत्री के तौर पर केपी ओली का नाम आगे कर दिया है। देउबा ने जून 2017 में नेपाल के प्रधानमंत्री का पद संभाला था, तो वहीं ओली 11 अक्टूबर 2015 से तीन अगस्त 2016 तक नेपाल के प्रधानमंत्री रहे थे।
वहीं ओली को नेपाल में उनके चीन प्रेम के लिए ख्याती प्राप्त है और उनके पीएम बनने से ये साफ जाहिर है कि नेपाल में भारत की बजाए चीन का प्रतिनिधित्व बढ़ने वाला है। आपको बता दें कि ओली जून में चौथी बार माओवादी नेताओं के समर्थन से नेपाल के प्रधानमंत्री बने थे, वहीं अब वो पांचवी बार नेपाल की सत्ता संभालेंगे। मई 2015 में पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने नेपाली कांग्रेस के साथ एक समझौते के तहत इस्तीफा दिया था। अगस्त 2016 में गठबंधन के समय ये तय किया था कि दोनों पार्टी के नेता बारी-बारी से प्रधानमंत्री बनेंगे।
इसी समझौते के तहत जून में देउबा नेपाल के 40वें प्रधानमंत्री के रूप में चुने गए थे। ललितपुर में पार्टी की स्टैंडिंग कमेटी की मीटिंग में तय हुआ कि ओली को न सिर्फ पीएम पद का उम्मीदवार चुना जाएगा बल्कि उन्हें संसदीय दल का नेता भी बनाया जाएगा। ओली की पार्टी नेपाल की संसद में सबसे बड़ी पार्टी है और ऐसे में वह इस पद के स्वाभाविक उम्मीदवार बन गए हैं। हालांकि ओली के पास माओवादी नेताओं का बहुमत भी अच्छा खासा है।