राजधानी वियना में शुक्रवार को ओपेक देशों की बैठक होने से पहले सऊदी अरब ने बुधवार को वियना में कहा कि दुनियाभर में कच्चे तेल की आपूर्ति कम न हो, इसके लिए वह जरूरी कदम उठाएगा। वहीं इस बैठक से पहले कच्चे तेल का प्रोडक्शन बढ़ाने को लेकर सऊदी अरब और ईरान के बीच खींचातानी शुरू हो गई है। आपको बता दें कि सऊदी अरब कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रहा है। ईरान इसका विरोध कर रहा है।
दुनियाभर में कच्चे तेल की आपूर्ति कम न हो
गौरतलब है कि बैठक से पहले सऊदी अरब ने वियना में बुधवार को कहा कि दुनियाभर में कच्चे तेल की आपूर्ति कम न हो इसके लिए वह जरूरी कदम उठाएगा। सऊदी के प्रिंस और एनर्जी मिनिस्टर अब्दुल अजीज बिन सलमान ने कहा। बाजार में स्थिरता बनाए रखने के लिए हम से जो बन सकेगा वो करेंगे। हम ये सुनश्चित त करेंगे कि कच्चे तेल की आपूर्ति में किसी तरह की कमी ना होने पाए।
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आने वाले महीने में वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की मांग बढ़ेगी
सऊदी अरब ने कहा कि आने वाले महीने में वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की मांग बढ़ेगी। इस वजह से हमारी कोशिश है कि कच्चे तेल की आपूर्ति कम न हो। सऊदी ने कहा कि कम सप्लाई कर पाने की वजह से कई ग्राहक देश नाराज हैं।
धर्मेंद्र प्रधान ने वियना में ओपेक देशों से कहा है की कच्चे तेल की सप्लाई को पूरा करें
भारत के पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने वियना में ओपेक देशों से कहा है कि वे कच्चे तेल की आपूर्ति को पूरा करें। उन्होंने यहां कहा कि कई देशों की राजनतिक परिस्थितियां, कभी बाहरी तो कभी आंतरिक कच्चे तेल की आपूर्ति पर असर डालती हैं। ऐसे में हम ओपेक देशों से उम्मीद करते हैं कि वे कच्चे तेल की आपूर्ति को पूरा करने के लिए जरूरी कदम उठाएंगे
अमेरिका के परमाणु करार से बाहर होने के बाद ईरान दबाव में
सऊदी अरब और रूस कच्चे तेल की आपूर्ति को बढ़ाने पर काम करना चाहता है। वहीं, ईरान ने इसके खिलाफ मोर्चा खोला है। ईरान ने कहा है कि वह इस प्रस्ताव का विरोध करेगा। अमेरिका के परमाणु करार से बाहर होने के बाद ईरान दबाव में है। ईरान को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में वह कच्चे तेल का प्रोडक्शन बढ़ाने का विरोध करेगा।
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कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के लिए खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जिम्मेदार
ईरान के ऑयल मिनिस्टर बिजान नामदार जंगानेह ने एक बार फिर कहा कि वह क्रूड प्रोडक्शन को बढ़ाने का विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के लिए खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जिम्मेदार हैं। जंगानेह के अनुसार अमेरिका की तरफ से ईरान और वेनेजुएला पर प्रतिबंध लगाए जाने की वजह से कच्चे तेल की आपूर्ति का संकट पैदा हुआ है। जिसकी वजह से कीमतें बढ़ रही हैं।
ओपेक (पेट्रोलियम उत्पादक )14 देशों का समूह है
आपको बता दें कि ओपेक (पेट्रोलियम उत्पादक )14 देशों का समूह है। ऑर्गनाइजेशन ऑफ द पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज यानी ओपेक 14 देशों का एक समूह है। गौरतलब है कि 1 ओपेक के कच्चे तेल उत्पादन की नीतियों से पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर असर पड़ता है।गैरतलब है कि यदि ओपेक की मीटिंग में कच्चे तेल की सफ्लाई बढाने वाला प्रस्ताव पास हो जाता है तो जाहिर है कि पेट्रोल की कीमतें सस्ती हो सकती हैं। इसका डीजल-पेट्रोल की कीमतों पर असर पड़ना निश्चित है।