लखनऊः बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने शुक्रवार को केंद्र सरकार के उस फैसले पर निशाना साधा, जिसमें केंद्र सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और आर्थिक रूप से कमजोर (EWS) तबके के लिए MBBS और दंत चिकित्सा पाठ्यक्रमों में आरक्षण देने का फैसला किया गया था। मायावती ने इस फैसले को राजनीतिक स्वार्थ के लिए किया गया फैसला बताया है।
मायावती ने इस फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया। उन्होंने लिखा- देश में सरकारी मेडिकल कॉलेजों की अखिल भारतीय स्नातक और स्नातकोत्तर सीटों में ओबीसी आरक्षण की घोषणा काफी देर से उठाया गया कदम है।” उन्होंने कहा, ”केंद्र सरकार अगर यह फैसला पहले ही समय से ले लेती तो इन वर्गों को अब तक काफी लाभ हो जाता, किन्तु अब लोगों को यह चुनावी राजनीतिक स्वार्थ हेतु लिया गया फैसला लगता है।”
1. देश में सरकारी मेडिकल कालेजों की आल-इण्डिया की यूजी व पीजी सीटों में ओबीसी कोटा की घोषणा काफी देर से उठाया गया कदम। केन्द्र सरकार अगर यह फैसला पहले ही समय से ले लेती तो इनको अबतक काफी लाभ हो जाता, किन्तु अब लोगों को यह चुनावी राजनीतिक स्वार्थ हेतु लिया गया फैसला लगता है।
— Mayawati (@Mayawati) July 30, 2021
मायावती ने अपने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ”वैसे बसपा बहुत पहले से सरकारी नौकरियों में एससी, एसटी और ओबीसी कोटा के बैकलॉग पदों को भरने की मांग लगातार करती रही है, किंतु केंद्र व उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों की भी सरकारें इन वर्गों के वास्तविक हित और कल्याण के प्रति लगातार उदासीन बनी हुई हैं, जो बहुत दुखद है।”
2. वैसे बीएसपी बहुत पहले से सरकारी नौकरियों में एससी, एसटी व ओबीसी कोटा के बैकलॉग पदों को भरने की माँग लगातार करती रही है, किन्तु केन्द्र व यूपी सहित अन्य राज्यों की भी सरकारें इन वर्गों के वास्तविक हित व कल्याण के प्रति लगातार उदासीन ही बनी हुई हैं, यह अति दुःखद है।
— Mayawati (@Mayawati) July 30, 2021
बता दें कि बीजेपी सरकार के इस फैसले से OBC और दलित राजनीति में हावी पार्टियों को बड़ा नुकसान का खतरा सता रहा है। उन्हें डर है कि बीजेपी सरकार के इस कदम से कहीं इन समुदायों का बड़ा वोट शेयर बीजेपी की तरफ न मुड़ जाए।