भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1 हजार 337 हो गई है। 64 लोगों की मौत हो गई है। मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी की वजह यह भी बताई जा रही है कि स्वास्थ्य विभाग के पास संसाधन बढ़े हैं। इससे जांच का दायरा भी बढ़ा है। 4 हजार 500 सैंपल की जांच रिपोर्ट एक-दो दिन में आना है। इसमें भोपाल के 3 हजार 500, प्रदेश के अन्य जिलों से एक हजार सैंपल जांच होनी है। शुक्रवार को 1200 सैंपल विशेष विमान से जांच के लिए दिल्ली भेजे गए हैं। सैंपल की जांच दिल्ली समेत प्रदेश में 9 स्थानों पर की जा रही है।
आईआईएम इंदौर की रिसर्च में सामने आया है कि अगर कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या इसी तरह बढ़ती रही तो मई के अंत तक यह आंकड़ा 50 हजार तक पहुंच सकता है। आईआईएम इंदौर के प्रो. सायंतन बैनर्जी के साथ अमेरिका की मिशिगन यूनिवर्सिटी के प्रो. वीरा, प्रो. रूपम भट्टाचार्य, प्रो. शारिक मोहम्मद और प्रो. उपाली नंदा ने यह शोध किया है। भारत और अमेरिका की मिशिगन यूनिवर्सिटी के पांच प्रोफेसर के साथ मिलकर मार्च से कोविड-19 संक्रमण के मामलों का अध्ययन और आंकड़ों का विश्लेषण किया जा रहा है।
सख्ती की तो संक्रमितों की संख्या मई के अंत तक करीब 3 हजार रहेगी
बायो स्टेटिक्स के विशेषज्ञों का कहना है प्रशासन यदि सख्ती से काम करता है तो प्रदेश में संक्रमितों की संख्या मई के अंत तक 2 से 3 हजार के बीच रहेगी। प्रो. सायंतन कहते हैं कि लॉकडाउन संक्रमण से निपटने का कारगर तरीका नहीं है। उनका कहना है कि सरकार को जांच में तेजी लानी चाहिए। इससे संक्रमित मरीजों की पहचान समय से हो सकेगी और संक्रमण को रोका जा सकेगा
पांच कदम जरूरी
- संपर्कों की पहचान
- नमूनों का शीघ्र परीक्षण
- कोरोना पॉजिटिव का आइसोलेशन
- अतिरिक्त स्वास्थ्य सुविधाओं को जुटाना
- शारीरिक दूरी और मूलभूत स्वच्छता