नई दिल्ली। भारत की एनएसजी की सदस्यता की राह चीन दिनों-दिन मुश्किल करता जा रहा है। चीन अपनी जिद पर अड़ा हुआ है कि वो भारत को एनएसजी का सदस्य नहीं बनने देगा। एक तरफ चीन, भारत का विरोध करने में लगा हुआ है तो दूसरी तरफ अन्य देश भारत का साथ देने में लगे हुए है। जर्मनी के राजदूत के मुताबिक जर्मनी के सलाहकार देशों का एक समूह बैठक कर रहा है। राजदूत के मुताबिक इस बैठक में भारत के एनएसजी की सदस्यता के लिए चर्च की गई है।
राजदूत ने स्पष्ट किया है कि इस बैठक में चीन शामिल नहीं हुआ है। सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी के मुताबिक इस बैठक में जर्मनी भारत की सदस्यता के लिए पक्ष में आया है। भारत लगातार एनएसजी के समूह में शामिल होने के लिए कूटनीतिक तौर पर अपनी दावेदारी की पेशकश करता रहा है। यही वजह है कि पिछले हफ्ते अमेरिका ने भी भारत के समर्थन की बात फिर दोहराई थी।
चीन जिद पर अड़ा
चीन और पाकिस्तान दोनों देश मिलकर एनएसजी में भारत की सदस्यता को लेकर सवाल उठाते रहे हैं, अब इस मुद्दे पर पाकिस्तान को स्वयं मुंह की खानी पड़ी है। डॉन समाचार पत्र से प्राप्त हो रही खबरों के मुताबिक अमेरिका स्थित हथियारों के नियंत्रण संबंधी संगठन एसीए ने इस बात की जानकारी दी है। इससे पहले आपको बता दें कि यूएस मीडिया के अनुसार एनएसजी के पूर्व चेयरमैन राफेल मैरियानो ने दो पन्नों का एक दस्तावेज तैयार किया है। इसमें यह स्पष्ट किया गया है कि किस तरह भारत और पाकिस्तान जैसे देश जिन्होंने परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर नहीं किया है।