यह तो सबको पता है कि विदेश जाने के लिए पासपोर्ट की आवश्यकता जरूर होती है। पासपोर्ट बनवाने के लिए पुलिस की एक वेरिफिकेशन आती है जो कि अब पुलिस के द्वारा वेरिफिकेशन पुराने जमाने की बात होने जा रही है। सरकार पासपोर्ट को बनवाने के लिए वेरिफिकेशन को लेकर अब और सतर्क होने जा रही है। सरकार इस वेरिफिकेशन सेवा को अपराधों तथा अपराधियों के राष्ट्रीय ब्यौरो से लिंक करने करने जा रही है। इस ब्यौरो से एक क्लिक करके सरकार को आवेदनकर्ता की पुष्टी हो सकती है। केन्द्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने ये भी क्लियर कर दिया कि जो अपराध और अपराधीयों को ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम हैं (सीसीटीएनएस) उन्हें भी इस विदेश मंत्रालय की पासपोर्ट सेवा से जोड़ने की भी तैयारी है। यह पासपोर्ट आवेदकों की आनलाइन सेवा ज्यादा से ज्यादा एक साल में पुलिस द्वारा शुरू होने की उम्मीद है।
अब सीसीटीएनएस का हो रहा है उपयोग:-
केन्द्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने यह भी बताया कि कुछ सूबों में तो पासपोर्ट बनवाने के लिए काफी समय से इस सुविधा का उपयोग किया जा रहा है। पुलिस को आवेदनकर्ता के घर तक पहुचने के लिए नई-नई टेक्नोलॉजी वाले उपकरण दिए जाएंगे तथा आवेदनकर्ता की सारी जानकारी इंनटरनेट पर भी डाली जाएगी। यह पुलिस से आवेदनकर्ता के संपर्क को कम करने में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण साबित होगा। ताकि आवेदनकर्ता कि पुलिस से सैटिंग होने के बजाए सरकार के पर उसकी सही और उचित जानकारी पहुंच सके। आपको यह भी बता दें कि यह योजना शुरू करने के लिए गृह मंत्री राजनाथ सिंह का उद्देश्य था जिसको लेकर उन्होंने एक परियोजना बनाई थी। उनका उद्देश्य अपराधों पर लगाम लगाने का है जिसकी वजहा से उन्होंने यह एक राष्ट्रीय ब्यूरों की तैयारी की है। गृहमंत्री ने यह भी जानकारी दी है कि आम लोगों को इस डिजिटल पुलिस पोर्टल पर शिकायत दर्ज करने की भी सुविधा मुहैया कराई जाएगी।
सीसीटीएनएस से करीब 15400 थाने रहेंगे लिंक:-
सीसीटीएनएस पूरे भारत में शुरू की जाएगी। पूरे देश में लगभग 15400 थाने हैं जिसमें करीब 5-6 हजार अतिरिक्त शीर्ष पुलिस अधिकारीयों के कार्यालय है। जिन्हें यह डिजिटल पुलिस पोर्टल आपस में जोडने का काम करेगा। साथ ही साथ थानों में प्राथमिकी दर्ज होने तथा जांच करने की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।