लखनऊ: देश में शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर करने के लिए राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के माध्यम से एक पहल की जा रही है। प्रदेश में नया हैप्पीनेस पाठ्यक्रम शामिल करने की तैयारी तेज हो गई है।
कुल 16 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसे लागू किया जाएगा। इसके बाद जहां के परिणामों के आधार पर अन्य जगहों पर इसे शुरू करने की तैयारी है। नई शिक्षा नीति के तहत जहां शैक्षणिक क्षेत्र में पहले ही कई बदलाव देखे जा रहे हैं, उसमें अब हैप्पीनेस पाठ्यक्रम भी शामिल किया जाएगा।
इस पाठ्यक्रम में असली खुशी क्या होती है? आस पास उपलब्ध वस्तुओं से कैसे मन को प्रसन्न रखा जाता है? किस तरीके से दुखी व्यक्ति को खुशी रख सकते हैं? किसी के परेशान करने पर हमारा कैसा रिएक्शन होता है? यह सारी चीजें इस नए पाठ्यक्रम में शामिल की जाएंगी। आसान भाषा में समझा तो हैप्पीनेस पाठ्यक्रम हमें बताता है कि किस तरह से खुश रहना चाहिए।
उत्तर प्रदेश के किन जिलों में यह पाठ्यक्रम पायलट प्रोजेक्ट के तहत लागू होने वाला है, उनमें वाराणसी, गोरखपुर, देवरिया, सिद्धार्थ नगर, लखनऊ, अमेठी, अयोध्या, प्रयागराज, मेरठ, मुरादाबाद, गाजियाबाद, आगरा, झांसी, चित्रकूट और मथुरा शामिल हैं।