पंजाब पुलिस इस तरह से हाईटेक होने जा रही है कि आंखों पर चढ़े ग्लास पर किसी भी संदिग्ध का पूरा आपराधिक इतिहास कुछ पलों में आ जायेगा। पंजाब पुलिस द्वारा इस तरह की तकनीक का इस्तेमाल देश में पहला प्रयोग है। यह ‘आई वीयर’ किसी संदिग्ध की पूरी पहचान बतायेगा और उसके इतिहास का खुलासा स्क्रीन पर कर देगा।
गुरूग्राम स्थित एक कम्पनी ने इस तरह का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। पुलिस कर्मियों द्वारा पहने जाने वाले आईग्लासेस से जोड़े गए सर्वर में 80 हजार अपराधियों का ब्योरा डाला जा चुका है। यह डाटा जुटाना और उसे सर्वर में डालना एक बड़ा कठिन काम था जिसको एक साल में पूरा किया जा सका।
आईग्लासेस की शक्ल में तैयार किया गया यह ‘आई वीयर’ भीड़ में संदिग्ध का पता लगाने में मददगार होगा। इसके जरिए कुछ ही सेकेण्ड में न केवल अपराधी का नाम बल्कि पूरा आपराधिक इतिहास ही सामने आ जाएगा। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार यह तकनीकी अपराधों की रोकथाम की दिशा में बड़ा कदम होगा। उन्होंने कहा कि आमतौर पर अपराधी पुलिस नाके से आराम से गुजर जाते हैं और उन पर एकाएक संदेह नहीं हो पाता। स्मार्ट ग्लासेस इस समस्या का समाधान है। भले ही अपराधी ने वेश बदल लिया हो लेकिन भौंहों व नाक-नक्श से वह पहचान कर लेगा। अभी तक पुलिस अपराधियों का सुराग हासिल करने के लिए पोस्टर जारी करती है। पंजाब में करीब छह हजार अपराधी सालों से गिरफ्तारी से बच रहे हैं जिनमें कई गैंगेस्टर भी हैं।
इन वंडर ग्लासेस में इन-बिल्ट कैमरा लगा होता है जो चेहरे की पहचान के लिए फोटो ले लेता है। डिजिटाइज्ड डाटाबेस से चेहरे की पहचान करके ग्लास स्क्रीन पर रिपोर्ट पेश करेगा। स्मार्ट ग्लास आवाज और छवि की पहचान भी करता है।
एजेंसी