मेरठ: मेरठ-दिल्ली के बीच सफर करने वाले लोगों के लिए बड़ी राहत वाली खबर है। नए एक्सप्रेस-वे को आम जनता के लिए खोल दिया गया है। इससे अब घंटों का सफर मिनटों में पूरा हो जायेगा, साथ ही आसपास के इलाकों में विकास के भी नए दरवाजे खुलेंगे।
नितिन गडकरी ने दी जानकारी
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस बारे में ट्वीट करके जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस-वे का काम पूरा हो गया है। यह अब आम जन की आवाजाही के लिए शुरु किया जा रहा है। पहले दिल्ली जाने में 2 घंटे से ज्यादा का वक्त लगता था, अब एक्सप्रेस-वे के बनने से यही सफर मात्र 45-60 मिनट में पूरा हो जायेगा।
Delhi Meerut Expressway has now been completed & opened to traffic. We have full filled our promise of reducing travel time between Delhi – Meerut from 2.5 hours to 45 minutes. #PragatiKaHighway pic.twitter.com/OgFyOJ5QLs
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) April 1, 2021
एक सप्ताह नहीं पड़ेगा टोल
खराब सड़क के साथ-साथ मेरठ के लोगों को टोल से भी राहत मिल रही है। आने वाले एक हफ्तों तक सफर टोल फ्री रहेगा, इसके बाद निर्धारित रकम चुकानी होगी। इस एक्सप्रेस-वे के बन जाने से दिल्ली ही नहीं अन्य जगहों पर जाने वाले लोगों को बड़ी राहत मिलने वाली है। पहले सहारनपुर, देहरादून की तरफ जाने वाले यात्रियों को भारी जाम का सामना करना पड़ता था। अब इस निर्माण से ऐसे सभी यात्रियों को बड़ी राहत मिल जायेगी।
8500 करोड़ की लागत से बना है एक्सप्रेस-वे
इस मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस-वे के निर्माण में कुल 8500 करोड़ रुपये की लागत आई है। इसके साथ ही इसमें 2.5 साल का वक्त लगा है, कोरोना के प्रभाव के चलते निर्माण की रफ्तार थोड़ी धीमी रही। इस एक्सप्रेस-वे को बनाने के लिए आधुनिक तकनीकी और शैली का इस्तेमाल किया गया है।
यह रास्ता दिल्ली के सराय काले खां से डासना तक 14 लेन का है, वहीं आगे का रास्ता 6 लेन का है। इसके पूरी तरह से ग्रीन एक्सप्रेस-वे बनाने की तैयारी है, इसके लिए 50 हजार पेड़ लगाने की तैयारी है। भारी वाहनों की रफ्तार 80 किमी प्रति घंटा तो वहीं कार 100 किमी प्रति घंटा से चल सकेगी।
इस काम में सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया गया है। सीसीटीवी कैमरे के साथ-साथ स्पीड की निगरनी के लिए स्क्रीन, पर्याप्त दूरी पर टोल बूथ और चढ़ने-उतरने के लिए अतिरिक्त लेन का भी निर्माण किया गया है।
2008 में शुरू हुई थी प्लानिंग
गौरतलब है कि यूपी और उत्तराखंड को दिल्ली से जोड़ने के लिए इस एक्सप्रेस-वे पर 2008 को प्लानिंग शुरू हुई थी। इसके बाद 2014 में नरेंद्र मोदी के देश का प्रधानमंत्री बनने के साथ ही इसकी प्लानिंग में तेजी आई।
इसके बाद 2015 में पीएम मोदी ने इसकी नींव रखी और तेजी से इसका काम करवाया। 2020 में कोरोना के कारण इसका काम धीमा हो गया और एक बार फिर इसके निर्माण ने तेजी पकड़ी और आज 2021 में ये एक्सप्रेस-वे बनकर तैयार है।