केरला में बच्चों के इलाज के लिए सरहानीय कदम उठाते हुए कॉस्मेटिक हार्ट सर्जी का एक अनोखा कदम उठाया गया है। ऐसा भारत में पहली बार हुआ है जब किसी बच्चे की कॉस्मेटिक हार्ट सर्जी की गई है। भारत में यह पहली बार है लेकिन इस तकनीक को लगभग 1 दशक पहले यूरोप में विकसित किया गया था। मिनिमलय एन वैकल्पिक दृष्टिकोण के माध्यम से कॉस्मेटिक हार्ट सर्जरी आक्रामक प्रक्रियाओं के साथ किया जाने वाला ऑपरेशन है। जो पहले सिर्फ बड़ों के लिए ही संभव था लेकिन अब यह बच्चों के लिए भी संभव हो गया है।
इस तकनीक के जरिए बच्चों की सर्जी बिना चीरा लगाए की जाएगी, ना तो किसी हड्डी में कट आएगा और ना ही ज्यादा दर्द सहना पड़ेगा बल्कि इससे बच्चों को बीमारी से लंबे समय तक के लिए राहत मिलेगी।
अगर किसी केस में चीरा लगाने की जरूरत भी पड़ती है तो महज 5 सीएमएस के लिए रखा जाता है और इसलिए कॉस्मेटिक सर्जी ज्यादा लोगों को इसे करवाने के लिए प्रेरित करेगी। डॉक्टर ब्रजेश ने बताया कि अमृता इंस्टीट्यूट भारत का एक मात्र ऐसा संस्थान है जहां पर इस सर्जी को सफलता पूर्वक किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि लोगों को इस कदम की सरहाना करते हुए इसका इस्तेमाल करना चाहिए। पिछले 18 सालों की बात करें तो संस्थान में 700 से ज्यादा सर्जी को सफलतापूर्वक कर चुकी है।
उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान समय में मरीज अधिक मात्रा में कॉस्मेटिक सर्जी की अपील कर रहा है। इस कॉस्मेटिक प्रक्रिया के तहत संस्थान द्वारा अब तक 6 बच्चों का सफलतापूर्वक इलाज किया जा चुका है। डॉ बृजेश ने कहा, अस्पताल शीघ्र ही बच्चों के लिए कॉस्मेटिक सर्जरी के दिल में रोबोट की सहायता को शामिल करेंगे।
(एनबी नायर, सलाहकार संपादक)