नई दिल्ली। भारत ने समृद्धि सूचकांक में साल 2012 के मुकाबले चार स्थान की छलांग लगाई है। इसके साथ ही भारत समृद्धि के मामले में चीन से अब मात्र 10 स्थान ही पीछे है। भारत को इस सूची में 100वां स्थान मिली है, जबकि चीन इस सूची में 90वें स्थान पर है। लंदन के लेगातुम इंस्टिट्यूट के प्रॉस्पेरिटी इंडेक्स के मुताबिक भारत की समृद्धि दर बड़ी है। 2012 के मुकाबले भारत ने 2016 में चार अंको की उछाल लगाई है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में इस वर्ष और पिछले वर्ष नोटबंदी और जीएसटी लागू होने से जीडीपी ग्रोथ को झटका लगा है, लेकिन इसके बावजूद भी भारत समृद्धि सूचकांक में इसका कोई खास असर नहीं पड़ा है।
रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में भारत ने आर्थिक और शिक्षा के क्षेत्र में शानदार प्रगति की है। इंडेक्स तैयार करने में 149 देशों को 104 विभिन्न पैमानों पर परखा गया। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन आर्थिक मोर्चे पर कमजोर पड़ा है क्योंकि लोग व्यापार करने में ज्यादा बाधाएं और प्रतिस्पर्धा के लिए कम प्रोत्साहन महसूस कर रहे हैं।रिपोर्ट की मानें तो 2017 में पूरी दुनिया में समृद्धि बढ़ी है, लेकिन एशिया-प्रशांत क्षेत्र में यह बढ़त ज्यादा अच्छी है। एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन और भारत ने बिजनेस एनवायरमेंट के मामले में शानदार प्रदर्शन किया। हालांकि प्राकृतिक वातावरण में इनका सबसे खराब प्रदर्शन रहा। इस रिपोर्ट के मुताबिक आर्थिक समृद्धि के मामले में अब भारत और चीन के बीच की खाई और कम हुई है।
समृद्धि सूचकांक के लिए बिजनेस एनवायर्नमेंट , गवर्नेंस , एजुकेशन , हेल्थ, सेफ्टी एंड सिक्योरिटी, पर्सनल फ्रीडम, सोशल कैपिटल और नैचुरल एनवायर्नमेंट की समीक्षा की गई। लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स, टुफ्ट्स यूनिवर्सिटी, ब्रूकिंग्स इंस्टिट्यूशंस और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफॉर्निया, सैन डिएगो जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से विभिन्न विषयों के जानकारों के एक पैनल ने इन नौ पैमानों पर देशों के प्रदर्शन की समीक्षा की।