मेरठ। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने पिछले दिनो योगेश वर्मा को पार्टी विरोधी गतिविधियों के संशय मात्र से बाहर कर दिया, इसके बाद बसपा की राजनीति पश्चिमी यूपी में धराशायी होती जा रही है।
- बसपा की गलत नीतियों के कारण पार्टी छोड़ रहे कार्यकर्ता
- को-ऑर्डिनेटर्स की गलत सूचना पर मायावती हो रहीं गुमराह
मेरठ के दर्जनों बसपा पार्षद एवं सैकड़ों कार्यकर्ताओं के बसपा से तलाक के बाद अब कद्दावर नेताओं को योगेश वर्मा के समर्थन में बसपा से तिलांजलि देना शुरू हो गया है। योगेश वर्मा एवं सुनीता वर्मा की साख को पश्चिमी यूपी में ‘उखाड़ फेंकने’ की नीति को बसपा कार्यकर्ताओं ने समय रहते समझ लिया और बसपा सुप्रीमो को उचित जवाब देना शुरू कर दिया है।
मुरादाबाद की ठाकुरद्वारा से पूर्व विधायक विजय यादव, मुरादनगर से निजाम ने अपने पार्षद समर्थकों संग बसपा छोड़ दी। मेरठ के सिवालखास से बसपा पदाधिकारी धनराज सिंह जाटव, बदरुद्दीन ने भी पार्टी छोड़ दी।
उधर पूर्व विधायक योगेश वर्मा ने कहा कि, “बिना कारण मुझे और मेयर सुनीता वर्मा को पार्टी से निकाल दिया गया। मेरठ में बसपा व को-ऑर्डिनेटरों की गलत नीतियों के कारण सभी 16 बसपा पार्षदों ने पार्टी छोड़ दी। आज संविधान दिवस के उपलक्ष्य में मेरे सहयोग के लिये दलित-मुसलमान लोग समर्थन में आये हैं, मैं उन सभी का आभार व्यक्त करता हूं।”
योगेश वर्मा ने कहा कि मैँ सामाजिक कार्यकर्ता हूं और किसी राजनीतिक पार्टी में शामिल नहीं होने जा रहा हूं और आने वाले समय मैं पूरी ताकत के साथ बसपा की नीतियों का विरोध करेंगे और सामाजिक कार्यों को करता रहूंगा। बहनजी को गुमराह किया गया है। मैँ दलित, गरीबों के साथ खड़ा हूं।