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ढाई लाख रुपये तक जमा कराने पर पूछताछ नहीं

Bank ढाई लाख रुपये तक जमा कराने पर पूछताछ नहीं

नई दिल्ली। बैंकों में 500 और 1000 की अमान्य हो चुकी मुद्रा को जमा करने पर आयकर विभाग द्वारा लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए वित्त सचिव डॉ. हसमुख अधिया ने कहा कि छोटे व्यापारियों, गृहिणियों, कारीगरों व कामगारों द्वारा ढाई लाख रुपये तक जमा कराने पर आयकर विभाग इनसे पूछताछ नहीं करेगा। अधिया से पूछा गया कि बहुत सारे छोटे व्यापारियों, गृहिणियों, कारीगरों, कामगारों के पास बचत के रूप में कुछ नकद राशि घरों में हो सकती है। क्या उसे बैंक में जमा कराने जाने पर आयकर विभाग पैसों को लेकर पूछताछ करेगा। उन्होंने कहा कि इन तबकों के जो लोग जो 1.5 या 2 लाख रुपये जमा कराने के लिए जाते हैं, उन्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि ये आयकर की न्यूनतम सीमा के भीतर है। इस तरह की छोटी जमा राशि के लिए आयकर विभाग किसी को भी परेशान नहीं करेगा।

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अधिया से पूछा गया कि क्या इस दौरान जमा की गई नकद रकम की रिपोर्ट आयकर विभाग लेगा। अगर हां, तो क्या 10 लाख रुपये नकदी जमा की सीमा को पार करने पर सूचित करने का वर्तमान नियम आगे भी जारी रहेगी। इसके जवाब में अधिया ने कहा कि हम 10 नवंबर से 30 दिसंबर के बीच जमा कराई जाने वाली 2.5 लाख रुपये से ऊपर की हर नकदी रकम का और ऐसे खाते का हिसाब लेंगे। विभाग इस रकम और इसे जमा कराने वाले व्यक्ति द्वारा फाइल किए गए आयकर रिटर्न का मिलान कर जांच करेगा। उसके बाद उस पर उचित कार्रवाई की जा सकती है।

उनसे पूछा गया कि मान लीजिए कि विभाग को ये पता चलता है कि किसी खाते में 10 लाख रुपये से ज्यादा की रकम जमा की गई है और वो रकम जमाकर्ता की घोषित आय से मेल नहीं खा रही है। ऐसे में जमाकर्ता पर कितना कर और जुर्माना लगाया जाएगा। इसके जवाब में अधिया ने कहा कि इस तरह के मामलों को कर चोरी माना जाएगा। इन मामलों में आयकर अधिनियम की धारा 270 (ए) के हिसाब से कर की राशि वसूली जाएगी और साथ ही भुगतेय कर के अलावा 200 प्रतिशत की राशि जुर्माने के रूप में भी वसूली जाएगी।

वित्त सचिव से पूछा गया कि ऐसा माना जा रहा है कि बहुत सारे लोग अब आभूषण खरीद रहे हैं, इससे निबटने के लिए विभाग किस तरह से तैयारी कर रहा है। जवाब में उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति आभूषण खरीदता है उसे पैन नंबर देना होता है। हम क्षेत्रीय प्राधिकारियों को ये निर्देश जारी कर रहे हैं कि ये सुनिश्चित किया जाए कि सभी आभूषण विक्रेता इस नियम का पालन करने में किसी तरह का समझौता ना करें। उन आभूषण विक्रेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी जो आभूषण बिक्री के समय पैन नंबर नहीं लेते हैं।

उन्होंन कहा कि आभूषण बेचने के बाद विक्रेता जब नकद राशि जमा कराएगा, तब इसकी जांच की जाएगी कि राशि बेचे गए आभूषण की रकम से मेल खाती है या नहीं। इसकी भी जांच की जाएगी कि विक्रेता ने ग्राहक का पैन नंबर लिया है या नहीं।

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